हैदराबाद:भारतीय रेलवे, देश की जीवन रेखा है. लोकल ट्रेनों से लेकर राजधानी और तेजस एक्सप्रेस तक, हर तरह की ट्रेन में सफर करने का अपना अलग ही मजा है. एक्सप्रेस ट्रेनों में सुविधाओं के अनुसार अलग-अलग कोच होते हैं. हर कोच का अपना एक क्लास होता है और उस क्लास के अनुसार किराया भी तय होता है. यात्री अपनी सुविधानुसार अलग-अलग क्लास में यात्राएं करते हैं.
अक्सर लोग छोटी यात्राओं के लिए जनरल कोच में सफर कर लेते हैं, वहीं लंबी दूरी के लिए स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन कराते हैं. अगर एसी में सफर करना हो तो 3AC से लेकर फर्स्ट क्लास तक के विकल्प मौजूद हैं. अब तो 3AC इकोनॉमी क्लास भी शुरू हो चुका है. तो आइए जानते हैं ट्रेनों में कितने तरह के डिब्बे होते हैं और डिब्बों पर लिखे कोड का क्या मतलब होता है.
UR/GEN (जनरल कोच)
- विशेषता: ये सामान्य कोच होते हैं जिनमें बिना रिजर्वेशन के यात्रा की जा सकती है.
- सुविधा: सबसे सस्ती यात्रा, लेकिन भीड़-भाड़ अधिक रहती है.
- वैधता: इस कोच के लिए कटा टिकट 24 घंटे के भीतर, उसी रूट पर किसी भी ट्रेन के लिए मान्य होता है.
- किसे उपयुक्त: कम बजट वाले या कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए.
2S (सेकेंड सीटर) / CC (चेयर कार)
- विशेषता: इसे चेयर कार भी कहते हैं. इसमें यात्रा के लिए रिजर्वेशन कराना होता है.
- सुविधा: जनरल कोच से थोड़ा आरामदायक, सीटें तय होती हैं. आमतौर पर ये कोच एयर-कंडीशन्ड नहीं होते हैं.
- उपलब्धता: जनशताब्दी या इंटरसिटी एक्सप्रेस में इस तरह के कोच अधिक होते हैं.
- किसे उपयुक्त: दिन में लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए, जो जनरल कोच से ज्यादा आराम चाहते हैं.
SL (स्लीपर क्लास)
- विशेषता: बैठने के साथ ही सोकर यात्रा करने के लिए ये सबसे साधारण कोच होते हैं.
- सुविधा: लंबी दूरी की यात्रा के लिए ज्यादातर लोग इसमें ही सफर करते हैं. एक कोच में 72 सीटें होती हैं. रिजर्वेशन कराने के बाद आप आराम से यात्रा कर सकते हैं. हालांकि इसमें एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधा नहीं होती है.
- किसे उपयुक्त: लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए जो बिना एसी के आराम से सफर करना चाहते हैं.