बेतिया: बिहार के बेतिया में एक बार फिर सेबाघ के आतंक से लोग डरे सहमे हैं. मंगलवार को ही लोगों ने एक बाघ के परसा नेशनल पार्क नेपाल में प्रवेश करने के बाद राहत की सांस ली थी. जनजीवन लग रहा था कि अब सामान्य हो गया है, लेकिन एक बार फिर से लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया है. बुधवार को जब किसान खेत में काम कर रहे थे तो उन्होंने एक नहीं बल्कि दो बाघों को देखा.
बेतिया में घूम रहे दो बाघ: नरकटियागंज शिकारपुर थाना क्षेत्र के चमुआ सरेह में बाघ देखे जाने की सूचना से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकठ्ठा हुए और लाठी बांस लेकर चमुआ स्टेशन पर जमा हो गए. ग्रामीणों ने इसकी सूचना शिकारपुर पुलिस समेत स्थानीय प्रशासन को दी है, जिसके बाद बाघ देखे जाने की सूचना पर प्रशिक्षु डीएसपी सह शिकारपुर थानाध्यक्ष डा. सपना रानी दल बल के साथ चमुआ पहुंचीं.
चमुआ सरेह में किसानों की पड़ी नजर: पुलिस की टीम ने बाघ के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी ली. उसके बाद उन्होंने बाघ देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंची वनकर्मियों की टीम के साथ शिकारपुर पुलिस के पदाधिकारी सरेह में गए और छानबीन की गई. बारिश के कारण बाघों के पद चिह्न नहीं दिखे.
वन विभाग को नहीं मिला बाघ का पगमार्क: वहीं मंगुराहा रेंज के आर.आर.टी प्रभारी मुकेश कुमार राम ने बताया कि उन्होंने टाइगर ट्रैकर विशाल पासवान के साथ सरेह का जायजा लिया. कहीं भी बाघ के पगमार्क दिखाई नहीं दिये. उन्होंने बताया कि सरेह में नीलगाय के पगमार्क मिले हैं. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है.
"कहीं भी बाघ के पैरों के निशान नहीं मिले. हमने चप्पा-चप्पा छान मारा है. सरेह में नीलगाय के पदचिह्न पाए गए हैं. इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गई है."- मुकेश कुमार राम, आरआरटी प्रभारी,मंगुराहा रेंज
क्या कहना है किसानों का:इधर ग्रामीण मजदूर कमल मुखिया ने बताया कि वे चार पांच मजदूरों के साथ किसान लाल बाबू तिवारी के खेत में लगे गन्ने की बंधाई कर रहे थे. इसी बीच उन्हें दो बाघ चहलकदमी करते दिखे. वे खेत में गन्ना बंधाई छोड़ भाग खड़े हुए. हालांकि चमुआ स्टेशन पर पहुंची प्रशिक्षु डीएसपी डा. सपना रानी ने लोगों से सरेह में नहीं जाने की अपील की है.