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रूस में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा भारत, दोनों देशों बीच संबंधों को सुगम बनाने, व्यापार और यात्रा को मिलेगा बढ़ावा - new consulates in Russia

New Consulates In Russia: पीएम मोदी ने मंगलवार को मॉस्को में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान रूस के कजान और येकातेरिनबर्ग में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की है.

New Consulates In Russia
रूस में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलेगा भारत (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 9, 2024, 4:28 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने रूस के कजान और येकातेरिनबर्ग में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की है, ताकि रूस के साथ संबंधों को मजबूत किया जा सके और अपनी राजनयिक उपस्थिति का विस्तार किया जा सके. पीएम मोदी ने मंगलवार को मॉस्को में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान इसकी घोषणा की.

वर्तमान में भारत का दूतावास मॉस्को में है और सेंट पीटर्सबर्ग और व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास हैं. नए वाणिज्य दूतावासों के खुलने से नागरिकों को अधिक सहायता और सेवाएं मिलने और विभिन्न क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंध स्थापित करने में मदद मिलने की संभावना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए वाणिज्य दूतावास दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रा को बढ़ावा देंगे. पीएम मोदी रूस और ऑस्ट्रिया की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. 2021 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से यह प्रधानमंत्री के पहली रूस यात्रा है.

रूस में भारतीय वाणिज्य दूतावासों की भूमिका
रूस में भारतीय वाणिज्य दूतावास भारतीय नागरिकों का सपोर्ट करने, द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और भारत-रूस के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इनमें भारतीय नागरिकों को आपातकालीन सहायता प्रदान करना शामिल है. यह दुर्घटनाओं, बीमारियों या प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों में भारतीय नागरिकों को सहायता प्रदान करते हैं.

रूस में भारतीय वाणिज्य दूतावास व्यापार संबंधों को सुगम बनाते हैं और रूस में भारतीय व्यवसायों का समर्थन करते हैं. इनमें भारत में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देते हैं और व्यापार मिशन और व्यवसाय नेटवर्किंग कार्यक्रम आयोजित करते हैं. रूस में भारतीय वाणिज्य दूतावास भारतीय नागरिकों के वेलफेयर सुनिश्चित करने, भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का काम भी करते हैं.

मॉस्को में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा, "रूस भारत का 'सदाबहार मित्र' है. उन्होंने पिछले दो दशकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत-रूस मित्रता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वह अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन की विशेष सराहना करते हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय से दुनिया ने इन्फ्लुएंस ओरिएंटेड वैश्विक व्यवस्था देखी है, लेकिन, दुनिया को अभी जिस चीज की जरूरत है, वह है प्रभाव नहीं बल्कि संगम है और यह संदेश भारत से बेहतर कोई नहीं दे सकता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि उन्होंने भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तीन गुना अधिक और तीन गुना गति से काम करने की कसम खाई है.

प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ औपचारिक वार्ता करेंगे, जिसमें आर्थिक मुद्दों और रूसी सेना में भर्ती होने के लिए गुमराह किए गए भारतीयों को रिहा करने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसके अलावा, वार्ता में किफायती ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने और मुद्रास्फीति/कीमत वृद्धि को नियंत्रण में रखने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में रूस एक महत्वपूर्ण भागीदार है. पिछले साल भारत ने रूस से 80 एमएमटी से अधिक कच्चे तेल का आयात किया था.

किसानों का हित और खाद्य सुरक्षा
रूस आयातित उर्वरकों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. पिछले साल भारत ने रूस से 48 लाख टन से अधिक उर्वरक आयात किए थे. उर्वरकों की आपूर्ति भारतीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण है अक्टूबर से शुरू होने वाले रवि सीजन के दौरान.

हरित वृद्धि और विकास
कुडनकुलम परमाणु पावर प्लांट की 1000 मेगावाट की दो यूनिट पहले से ही चालू हैं. ये रूसी तकनीक पर आधारित हैं, जबकि दो और यूनिट का निर्माण हो रहा है इसलिए, दो नए आगामी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए दीर्घकालिक ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

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