चेन्नई:यूट्यूबर सवुक्कू शंकर पर महिला पुलिसकर्मियों को बदनाम करने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. चेन्नई सिटी पुलिस कमिश्नर ने उन्हें सार्वजनिक शांति भंग करने के आरोप में गुंडा अधिनियम के तहत जेल में डालने का आदेश दिया था. सवुक्कू शंकर की मां कमला ने इस आदेश को रद्द करने और अपने बेटे की रिहाई की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की. हालांकि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जजों की बंटी राय सामने आई है.
याचिका में क्या :याचिका में उन्होंने अनुरोध किया है, ' बेटे ने सार्वजनिक शांति भंग करने का काम नहीं किया और उनके बेटे को गुंडा अधिनियम के तहत कारावास का आदेश अवैध है और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इसे रद्द किया जाना चाहिए.'
इस याचिका पर सुनवाई करने वाली जस्टिस स्वामीनाथन और बालाजी की बेंच ने पूछा कि वह भविष्य में कैसा व्यवहार करेंगे. वह क्या नहीं करेंगे? गुरुवार को उन्हें गारंटी देने का आदेश दिया गया. ऐसे में आज जब यह मामला दोबारा सुनवाई के लिए आया तो सरकार की ओर से सवुक्कू शंकर के खिलाफ ठगी का आरोप लगाया गया. बताया गया कि सत्ता का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ.
इसके बाद, न्यायाधीशों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जेल में सवुक्कू शंकर की पिटाई की जांच करने का आदेश दिया और कानून के तहत चार महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया.