बेंगलुरु:कर्नाटक में 14 साल की कानूनी लड़ाई को समाप्त करते हुए तुमकुरु की एक अदालत ने गुरुवार को 21 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इन 21 दोषियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. इनके खिलाफ 2010 में 45 वर्षीय दलित महिला की हत्या का आरोप सिद्ध हो गया है.
तुमकुरु जिले के गोपालपुरा के सभी निवासी दोषियों पर तीसरे अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ए नागी रेड्डी ने 13,500-13,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. पुलिस ने 27 लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन मुकदमे के दौरान छह संदिग्धों की मौत हो गई. आर होनम्मा उर्फ धाबा होनम्मा की 28 जून, 2010 को गोपालपुरा में हत्या कर दी गई थी. 27 घावों के साथ उसका शव एक नाले में मिला था, जिससे समुदाय में हड़कंप मच गया था.
होनम्मा, जिन्होंने दो ग्राम पंचायत चुनावों में असफलता हासिल की थी, एक मंदिर बनाने की योजना बना रही थीं - एक ऐसा कदम जिसने कथित तौर पर कई साथी ग्रामीणों को नाराज कर दिया था. अपनी योजना के तहत उसने अपने घर के बाहर लकड़ी के लट्ठे जमा कर रखे थे, जिन्हें बाद में चुरा लिया गया. जब होनम्मा ने कुछ ग्रामीणों के नाम लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो तनाव की स्थिति घातक प्रतिद्वंद्विता में बदल गई.