आगरा:जिले के बरहन थाना के गांव रूपधनू में अपने किसान भाई की खुदकुशी के बाद न्याय न मिलने पर जान देने वाले होमगार्ड प्रमोद का सुसाइड नोट मिला है. सोमवार देर रात जब पुलिस पहुंची तो होमगार्ड की कलाई पर सुसाइड नोट बंधा मिला. जिसमें उसने लिखा है- वर्दीवालों से न्याय की लड़ाई में एक वर्दीवाला जान से हार गया. होमगार्ड ने सादाबाद पुलिस के उत्पीड़न और रिश्वत लेने की बात सुसाइड नोट में लिखी है. इसके साथ ही साथ ही योगी सरकार से परिवार का ध्यान रखने की मांग की है. अंत में लिखा है- पुलिस से पंगा लेने की मैंने भूल की, कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना. होमगार्ड ने अपने भाई की खुदकुशी के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही आरोप लगाया था कि उसके भाई को टार्चर किया गया. इधर, बरहन थाना में सादाबाद थाने के थानाध्यक्ष व दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल भी परिजन को सांत्वना देने पहुंचे. उन्होंने कहा कि, सादाबाद थाने के दरोगा और एसओ जेल जाएंगे. इसके साथ ही शराब पीकर पहुंचे तहसीलदार के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी.
क्या है मामला
बरहन थाना के गांव रूपधनू निवासी किसान संजय सिंह (50) के साले पर एक युवती को भगा ले जाने का आरोप लगा. इसके बाद पुलिस नौ जून की रात संजय को थाने ले आई. आरोप है कि 11 जून तक सादाबाद थाना में रख उसकी पिटाई की गई. फिर शांतिभंग में चालान करके छोड़ दिया. चेताया कि 22 जून तक युवती घर लौट आनी चाहिए. पुलिस के डर से संजय ने शनिवार को खुदकुशी कर ली. जिस पर अपर पुलिस अधीक्षक हाथरस अशोक सिंह कुमार मौके पर पहुंचे. परिजनों का आरोप था कि सादाबाद थाना के दरोगा और सिपाही पर कार्रवाई की जाए. अपर पुलिस अधीक्षक हाथरस अशोक सिंह ने कहा कि जांच सीओ सादाबाद गोपाल सिंह को दी गई है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
ऐसे शुरू हुआ पुलिस का उत्पीड़न
परिजनों का यह भी आरोप है कि संजय के बड़े भाई होमगार्ड प्रमोद सिंह (50) चुनाव डयूटी पर 14 अप्रैल को गए थे. 2 जून 2024 को लौट कर आए. संजय को छोड़ने के बाद 11 जून की शाम पुलिस ने प्रमोद और छोटे बेटे प्रवीण को उठा लिया था. हवालात में बंद करके रखा. आरोप है कि दरोगा ने हमसे 1 लाख रुपए की डिमांड की. संजय की मौत के 48 घंटे बाद भी जब दोषियों के खिलाफ बरहन थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो प्रमोद बेहद आहत हो गए. प्रमोद लगातार अपने भाई को टॉचर करने वाले और दोषी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने और मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर अधिकारियों से मिल रहे थे. सोमवार को स्थानीय विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह से भी मिले. साथ ही कई पुलिस अधिकारियों से मिले. कहीं से उसे न्याय की उम्मीद नहीं दिखी. आखिरकार उन्होंने भी खुदकुशी कर ली. उसी जगह जान दी, जहां पर छोटे भाई संजय ने आत्महत्या की थी.
कलाई में बंधा मिला सुसाइड नोट
होमगार्ड प्रमोद ने आत्महत्या से पहले 12 लाइन का सुसाइड नोट लिखा है. डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि, होमगार्ड प्रमोद ने सुसाइड नोट में लिखा है कि सादाबाद थाना में तैनात दारोगा हरिओम ने उठाकर दो दिन 11 और 12 जून को हवालात में बंद किया. एक लाख मांगे गए. 10 हजार रुपए लेकर 13 जून को छोड़ा. ऑफिस में पैसा दिया. 50 हजार रुपए की मांग की. सादाबाद पुलिस व हरिओम दरोगा ने प्रताड़ित किया. सुसाइड नोट की जांच की जा रही है.
50 वर्षीय होमगार्ड प्रमोद ने सुसाइड नोट में लिखा कि, छोटा भाई संजय फांसी लगाकर मर गया. अब मुझमें क्षमता नहीं है. इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. मुझ पर फोन आ रहे हैं. आज ही बयान देने आ जाओ. मैंने कहा कल आऊंगा, नहीं आज ही आ जाओ. इसलिए, मेरा दिमाग ठीक नहीं है. सरकार से प्रार्थना है कि मेरे परिवार की तरफ ध्यान दिया जाए. जय माता दी, जय श्री राम. आखिर में होमगार्ड प्रमोद ने लिखा कि पुलिस से पंगा लेने की भूल की. कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना.