पलामू:झारखंड-बिहार सीमा पर लगभग अंत की ओर पहुंच चुके माओवादी लगातार अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं. अब जब वे सुरक्षा बलों से खुद नहीं पार पा रहे हैं, तो उन्होंने भोले-भाले ग्रामीणों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. वे ग्रामीणों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. माओवादी कमांडर ग्रामीण मजदूरों और छोटे कारोबारियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. प्रत्येक मजदूर को 30 से 40 हजार रुपये देकर माओवादी कमांडर उन्हें अपनी गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं.
टॉप माओवादी कमांडर ऐसे ग्रामीण मजदूरों का इस्तेमाल हमले और लेवी के लिए कर रहे हैं. इसकी योजना टॉप माओवादी कमांडर और 15 लाख के इनामी नितेश यादव, 10 लाख के इनामी संजय यादव, 10 लाख के इनामी सुनील विवेक, सीता रजवार ने बनायी है. पुलिस लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें माओवादियों की इस मंशा के बारे में बता रही है और उनसे इसके जाल में न फंसने की अपील कर रही है.
पुलिस जांच में कई बातें आईं सामने
दरअसल, पिछले दो साल में माओवादियों ने लेवी के लिए पलामू इलाके में दो जगहों पर आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया है. दोनों घटनाओं में स्थानीय ग्रामीणों और मजदूरों का इस्तेमाल किया गया है. पुलिस ने जब घटना की जांच शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारी मिली.
पलामू पुलिस ने जब कुछ ग्रामीणों को हिरासत में लिया तो ग्रामीणों ने बताया कि माओवादियों के टॉप कमांडरों ने उन्हें पैसे का लालच दिया था, घटना में मदद के लिए 30 हजार रुपये दिए थे. हिंसक घटना में शामिल एक ऑटो चालक ने बताया कि नितेश यादव ने उसे 40 हजार रुपये दिए थे और आगजनी की घटना में मदद करने को कहा था. इन सबसे जानकारी मिलने के बाद पुलिस अब ग्रामीणों के बीच पहुंच रही है. पलामू एसपी ने लोगों से माओवादियों के इस जाल में न फंसने की अपील की है।