कोलकाता:पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को गुरुवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा और उन्हें काला झंडा दिखाया गया. राज्यपाल बोस के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करते ही तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के छात्रों ने उन्हें काले झंडे दिखाकर 'वापस जाओ' के नारे लगाने शुरू कर दिए.
कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता के विश्वविद्यालय में प्रवेश करने पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया. पुलिस ने छात्रों को रोका तो विश्वविद्यालय के गेट पर दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई. इसके बाद छात्रों ने गेट पर प्रदर्शन किया.
राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. टीएमसीपी के समर्थकों ने दावा किया कि दीक्षांत समारोह अवैध है. उन्होंने कहा कि पूर्णकालिक कुलपति की अनुपलब्धता के कारण वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं किया जा सकता है, इसलिए छात्रों को डिग्री देने का समारोह गोलमोल तरीके से आयोजित किया जा रहा है. इसीलिए उन्होंने राज्यपाल को काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया.
गौरतलब है कि 2013 से कलकत्ता विश्वविद्यालय के विभिन्न विषयों के शोधकर्ताओं को कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था. इस जटिलता से बचने के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक में उन सभी डिग्री धारकों को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया, जिनके प्रमाण पत्र 2013 से 2017 तक रोके गए थे.
253 लोगों को डिग्री प्रदान की गई
गुरुवार को विश्वविद्यालय के शताब्दी सभागार में 253 लोगों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए. राज्यपाल बोस की मौजूदगी में अलग-अलग विभागों के डीन को प्रमाण पत्र सौंपे गए. बाद में डिग्री धारक डीन से प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे.
विश्वविद्यालय के छात्र नहीं थे प्रदर्शनकारी...
विरोध प्रदर्शन की घटना पर विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति शांता दत्ता ने कहा, "जिन लोगों ने काले झंडे दिखाए हैं, वे विश्वविद्यालय के छात्र नहीं हैं. वे बाहरी लोग हैं. वे अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए यह सब कर रहे हैं. लेकिन, इस तरह से विश्वविद्यालय को कलंकित नहीं किया जा सकता. इससे पहले भी हमें लंबे समय तक विश्वविद्यालय के अंदर बंद रखा गया है. मुझे पांच घंटे तक कार में रोके रखा गया. बाद में हमने सभी बाहरी लोगों के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन, दुर्भाग्य से राज्य के शिक्षा मंत्री ने उनका समर्थन किया."
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