अमरावती: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने इस केस के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया है. ताजा जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार तिरुमाला में पवित्रता को बनाए रखने के लिए आज सोमवार को महा शांति होमम यानी होम किया गया. शुद्धि-शांति होमम, वैखानस आगम के सिद्धांतों के अनुसार सोमवार सुबह तिरुमाला मंदिर की यज्ञशाला में मनाया गया, ताकि लड्डू प्रसादम और अन्य नैवेद्यमों की पवित्रता को बहाल किया जा सके और साथ ही श्रीवारी भक्तों की भलाई के लिए भी प्रार्थना की जा सके.
पवित्र अनुष्ठान के पूरा होने के बाद मंदिर के बाहर मीडिया से बात करते हुए, टीटीडी ईओ जे श्यामला राव और अतिरिक्त ईओ श सीएच वेंकैया चौधरी ने कहा कि यह पवित्र अनुष्ठान पाप-मुक्त अनुष्ठान था. इसके एक भाग के रूप में ऋत्विकों द्वारा वास्तु शुद्धि, कुंभजला संप्रोक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि भक्त लड्डू प्रसादम और नैवेद्यम की गुणवत्ता के बारे में अपनी आशंकाओं और गलतफहमियों को दूर कर सकते हैं. बाद में मंदिर के मुख्य पुजारियों में से एक वेणुगोपाल दीक्षितुलु और आगम सलाहकार मोहनरंगाचार्युलु ने धार्मिक अनुष्ठानों की श्रृंखला पर जानकारी देते हुए कहा कि सुबह 6 बजे से 10 बजे तक यज्ञशाला में संकल्पम, विश्वक्सेना आराधना, पुण्याहवचनम, वास्तु होम, कुंभ प्रतिष्ठा, पंचगव्य आराधना की गई. पूर्णाहुति के बाद कुंभ प्रोक्षण किया गया और विशेष नैवेद्यम अर्पित किया गया. अब से, लड्डू प्रसादम और नैवेद्यम दोषों से मुक्त हैं और भक्त यदि कोई संदेह हो तो उसे छोड़ सकते हैं.
इससे पहले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के ईओ श्यामला राव ने कहा कि तिरुमाला में इस्तेमाल किया जाने वाला गाय का घी मिलावटी था. उन्होंने कहा कि इस कुकृत्य के प्रायश्चित के रूप में शांति होमम का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने स्पष्ट किया कि वे लड्डू के लिए शुद्ध घी खरीद रहे हैं. श्यामला राव ने कहा कि घी की शुद्धता निर्धारित करने के लिए 18 लोगों का एक लैब पैनल बनाया गया है. उन्होंने कहा कि अगस्त में आयोजित पवित्र समारोहों के साथ लड्डू में मिलावट को खत्म कर दिया गया था. हालांकि, भक्तों के बीच चिंता को दूर करने के लिए शांति होम का आयोजन किया जा रहा है.