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ईटीवी भारत से बोले इंजीनियर रशीद, 'मैंने तिहाड़ में खूब पीड़ा झेली, बॉलीवुड डायरेक्टर को दूंगा स्क्रिप्ट' - Jammu Kashmir

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2024, 7:36 PM IST

Engineer Rashid: बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने ईटीवी भारत के मीर फरहत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को हटाए गए अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर में बहाल किया जाना चाहिए.

ईटीवी भारत से बात करते इंजीनियर राशिद
ईटीवी भारत से बात करते इंजीनियर राशिद (ETV Bharat)

श्रीनगर:पांच साल की लंबी सजा काटने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए सांसद इंजीनियर रशीद ने कहा कि कश्मीर अभी भी एक मुद्दा है, जिसे भारत सरकार को सुलझाना चाहिए और 5 अगस्त 2019 को हटाए गए अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाना चाहिए.

ईटीवी भारत को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रशीद ने कहा कि जेल में बिताई गई उनकी यह पीड़ा इतनी दुखद है कि उस पर फिल्म बिन सकती है. बॉलीवुड डायरेक्टर्स को उनके पास आना चाहिए. वह उन्हें फिल्म की कई स्क्रिप्ट देंगे.

रशीद ने जम्मू कश्मीर के बारामूला में एक रैली को संबोधित करने के बाद श्रीनगर कहा, "बॉलीवुड निर्देशक केरल फाइल्स और कश्मीर फाइल्स बना रहे हैं, उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए, मैं उन्हें फिल्मों की स्क्रिप्ट दूंगा."

ईटीवी भारत से बात करते इंजीनियर राशिद (ETV Bharat)

उमर अब्दुल्ला को बारामुल्ला से हराया
बता दें इस साल मई में हुए संसदीय चुनावों में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बारामुल्ला से दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. खास बात यह थी कि चुनाव के दौरान वह जेल में थे. उनके लिए उनके कॉलेज जाने वाले बेटों ने प्रचार किया और उनकी जीत सुनिश्चित की.

तिहाड़ नरक के भीतर नरक
रशीद से जब पूछा गया कि उन्होंने जेल में जीवन कैसे बिताया और कश्मीर की स्थिति के बारे में कैसे अवगत रहे को उन्होंने कहा कि तिहाड़ नरक के भीतर नरक है. बता दें कि इंजीनियर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने से दो दिन पहले गिरफ्तार किया था.

एनआईए ने उन पर आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था, हालांकि, एजेंसी ने 1 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मिलने तक दिल्ली की पटियाला कोर्ट में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की थी और रिहाई के बाद उन्होंने कश्मीर में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया.

अवामी इत्तेहाद पार्टी का गठन
कुपवाड़ा जिले के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रहे राशिद ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले 2013 में अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) का गठन किया था. हालांकि, भारत के चुनाव आयोग के साथ एक पंजीकृत पार्टी नहीं है, लेकिन उसने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ घाटी विधानसभा क्षेत्रों में 30 से अधिक उम्मीदवार उतारे हैं.

रशीद ने कहा कि अगर उनके उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीतते हैं और उनकी पार्टी सरकार बनाती है, तो वह कश्मीर के लिए ऐसा काम करेंगे कि उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।. उन्होंने कहा, "मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि मेरे उम्मीदवार चुनाव जीतें ताकि मैं कश्मीर के लिए ऐसा काम कर सकूं जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे."

उम्मीदवारों के लिए प्रचार
जब उनसे पूछा गया कि अगर उनके उम्मीदवार जीतते हैं तो क्या वह सरकार का हिस्सा होंगे या विपक्ष में रहेंगे. उन्होंने कहा कि वे अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम श्रीनगर में एक मेगा शो की योजना बना रहे हैं. मैं हर उस निर्वाचन क्षेत्र में जाउंगा, जहां एआईपी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं."

गिरफ्तारी से पहले जब वह कश्मीर में निर्दलीय विधायक थे, तब रशीद की मांग और नारा जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराना था. ऐसे में जब उनसे उनके जनमत संग्रह के नारे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान होना चाहिए और अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि बुधवार को अंतरिम जमानत मिलने के बाद से ही राशिद के विरोधी- नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती उन पर भाजपा का प्रतिनिधि होने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे मुद्दे इन दोनों राजनेताओं से कहीं बड़े हैं.

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