चंपावत:साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को झांसे में लेकर उनके साथ ठगी करने का काम कर रहे हैं. ताजा मामला लोहाघाट से सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को फोन कर बेटे को किडनैप करने की बात कही. फोन करने वाले ने बेटे को छोड़ने की एवज में रकम का मांग की.
बेटे के झूठे अपहरण का फोन कॉल:घबराए पिता ने ठग को 1.20 लाख रुपए दे दिए. बैंक मैनेजर की सूझबूझ से दूसरी बार रुपये जाने से बच गए. पीड़ित ने इसकी शिकायत डायल 1930 में कर दी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. चंपावत जैसे उत्तराखंड के शांत पहाड़ी जिले में अपहरण और फिरौती जैसा फोन आने से लोग डर गए हैं.
पिता से फिरौती के नाम पर ठगी:लोहाघाट के बाराकोट ब्लॉक के रहने वाले शिक्षक को फोन आया कि आपके बेटे का किडनैप कर लिया गया है. जल्द उनके खाते में ढाई लाख रुपये डाल दो. वरना बेटे को गोली मार देंगे. संयोग ऐसा बना कि उक्त व्यक्ति का बेटा मुनस्यारी घूमने गया था. साइबर ठग का फोन आने पर जब शिक्षक ने बेटे को फोन लगाया तो सिगनल नहीं होने के कारण संपर्क नहीं हो पाया.
बैंक मैनेजर ने दिखाई सूझबूझ:बेटे की जान खतरे में जानकर डर के मारे पिता ने साइबर ठग के खाते में 1.20 लाख रुपये डाल दिए. थोड़ी देर बाद साइबर ठगों ने फिर से जल्द शेष रकम भेजने के लिए दबाव बनाया. पिता फिर 1.30 लाख लेकर एसबीआई पहुंचे. वहां पीड़ित पिता ठग के खाते में रुपये डाल ही रहे थे कि बैंक मेनेजर ने कारण पूछ लिया. पिता ने आप बीती मैनेजर को सुनाई. मैनेजर को पूरी बात सुनकर ठगी का अंदेशा हुआ. इसी दौरान पिता का उनके बेटे से भी संपर्क हो गया. मैनेजर ने ठग से बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने फोन बंद कर दिया.
साइबर सेल ने शुरू की जांच:बाराकोट चौकी प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि ठगी के शिकार हुए व्यक्ति ने पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. मामले को साइबर सेल को भेजा जाएगा. एसपी चंपावत अजय गणपति ने बताया कि साइबर ठग हर रोज ठगी के नए तरीके ढूंढते हैं. बिना सोचे समझे लोग उनके झांसे में आ जाते हैं. ऐसे में सतर्कता जरूरी है. ठगी होने पर पुलिस को जरूर बताएं. साइबर ठगों से बचने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे कि लोग साइबर फ्रॉड से बच सकें.
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