हजारीबागःदेश की सीमा सुरक्षा में बेटियां भी अपनी अहम भूमिका निभाने को आतुर दिख रही हैं. हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड की रहने वाली एक परिवार की तीन बेटी बीएसएफ में अपनी सेवा देंगी. दो बेटी का चयन हाल के दिनों में हुआ है. जिन्हें रोजगार मेला के दौरान बीएसएफ मेरु केंद्र में नियुक्ति पत्र दिया गया. वहीं एक बहन पहले से बीएसएफ में है. नियुक्ति पत्र मिलने के बाद दोनों बेटियों का उत्साह चरम सीमा पर है. वो कह रही हैं कि अब उनकी पहचान अपने नाम से होगी.
लगन, तपस्या और कठिनाई के बारे में सुनना हो तो प्रीत सिंह राजपूत और पम्मी कुमारी के जीवन को देखें. जिन्होंने कठिन परिश्रम से बीएसएफ में नौकरी प्राप्त की है. प्रीत सिंह राजपूत बताती हैं कि वो चार बहन और एक भाई हैं. चार बहन होने के बाद समाज और परिवार ने हमेशा तिरस्कार किया.
घर में गरीबी ऐसी थी. पढ़ाई भी छूट गई. किसी तरह प्राइवेट से मैट्रिक पास किया. ट्यूशन पढ़कर घर की जरूरत पूरी की. एक जुनून था कि देश की सेवा करना है और बीएसएफ में अपनी जगह तय करनी है. ऐसे में मोबाइल के जरिए ऑनलाइन क्लास किया. फिर जी तोड़ मेहनत की. घर वालों से छुप-छुप कर फिजिकल की तैयारी की. आज इसका परिणाम है कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के हाथों उन्हें रोजगार मेला में नियुक्ति पत्र मिला है.
प्रीत सिंह राजपूत बताती हैं कि उसकी बहन पम्मी कुमारी जो जुड़वा बहन है. उसकी भी नौकरी बीएसएफ में हो गई. गांव में जश्न का माहौल है. पूरे गांव की पहली ऐसी बेटी हैं, जिसने सरकारी नौकरी प्राप्त किया है. हर कोई गांव वाले दोनों बेटियों पर फक्र कर रहे हैं.