मैसूर: कर्नाटक के मैसुरु में सजे-धजे हाथियों के भव्य जुलूस के साथ शनिवार को प्रसिद्ध 'मैसूर दशहरा' का समापन हुआ. मुख्यमंत्री सिद्धमरैया ने दशहरा के अवसर पर देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प वर्षा कर जंबू सवारी को हरी झंडी दिखाई. हौदा में देवी को ले जाने वाला हाथी अभिमन्यु, अन्य हाथियों के साथ विशेष रूप से बनाए गए मंच पर पहुंचा, जहां से मुख्यमंत्री सिद्धमरैया ने पुष्प अर्पित किए.
प्रसिद्ध मैसूर दशहरा के समापन के मौके पर हजारों लोगों ने 'जंबू सवारी' देखी, जिसमें 'अभिमन्यु' के नेतृत्व में एक दर्जन सजे-धजे हाथियों ने मैसूर और उसके राजघरानों की देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति को सोने से बने 750 किलोग्राम के हौदा पर लादकर जुलूस निकाला.
यह जुलूस 10 दिनों तक चलने वाले प्रतिष्ठित 'मैसूर दशहरा' उत्सव और समारोह का भव्य समापन है.
भव्य जुलूस की शुरुआत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भव्य अंबा विलास पैलेस परिसर से शुभ मकर के समय दोपहर 1:41 बजे से 2.10 बजे के बीच महल के बलराम द्वार पर 'नंदी ध्वज' की पूजा अर्चना के साथ की. नंदी ध्वज की पूजा अर्चना करने के बाद सिद्धारमैया ने लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं.
मुख्यमंत्री सिद्धमरैया ने मैसूर में देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प वर्षा कर हाथियों के जुलूस को हरी झंडी दिखाई. (ETV Bharat) जुलूस में विभिन्न जिलों के कलाकारों या सांस्कृतिक समूहों और झांकियों ने हिस्सा लिया, जिसमें क्षेत्रीय संस्कृति और विरासत को दर्शाया गया. यह भव्य जुलूस बन्नीमंतपा में समापन से पहले लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय करता है.
सरकारी विभागों की झांकियां, विभिन्न योजनाओं या कार्यक्रमों और सामाजिक संदेशों को दर्शाती हैं, जुलूस का हिस्सा थीं, और बड़ी संख्या में लोग जुलूस मार्ग पर कतारों में खड़े थे.
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