देहरादूनः उत्तराखंड में बीते एक हफ्ते में महिला अपराध से जुड़े बेहद ही गंभीर मामलों ने महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हैरत की बात है कि महिला अपराध की घटना राजधानी देहरादून से सबसे वयस्त इलाके और हल्द्वानी से सबसे बड़े अस्पतालों में भी घटी है. इन जघन्य अपराधों के बाद तमाम संगठन गुस्से में है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या उत्तराखंड में महिलाएं सुरक्षित हैं या नहीं?
देहरादून में नाबालिग से गैंगरेप: राजधानी देहरादून में 13 अगस्त की रात करीब 2 बजे मुरादाबाद की लापता एक नाबालिग लड़की देहरादून आईएसबीटी में मिली. लड़की को सीडब्ल्यूसी की टीम नारी निकेतन ले गई और लगातार काउंसलिंग करती रही. 17 अगस्त को लड़की ने काउंसलिंग के दौरान दून आईएसबीटी परिसर में बस में उसके साथ गैंगरेप होने की जानकारी दी. गैंगरेप में तीन बस ड्राइवर, एक कंडेक्टर और एक कैशियर शामिल था. हैरानी की बात है नाबालिग के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपियों की उम्र 35 से 57 साल के बीच है. वहीं लड़की के बयान जारी होते ही पुलिस ने छानबीन की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक के बाद एक पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया. फिलहाल पांचों आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिस ने घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.
हल्द्वानी अस्पताल में किशोरी से जबरदस्ती:नैनीताल के हल्द्वानी से भी महिला अपराध से जुड़ी एक खबर सामने आई. दरअसल, 17 अगस्त की रात सुशीला तिवारी अस्पताल में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया. आरोपी युवक लड़की को वॉशरूम का पता बताने ले गया और जबरदस्ती करने लगा. किशोरी ने शोर मचाया तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. किशोरी के साथ जबरदस्ती करने के प्रयास में असफल रहे आरोपी को भीड़ ने मौके पर ही दबोच लिया. मौके पर पुलिस पहुंची और युवक को अपने साथ ले गई. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है.
मौलवी बना 'राक्षस': 18 अगस्त को उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में भी घटे अपराधिक घटना ने कई सवाल खड़े किए. घटना के मुताबिक, रुद्रपुर के एक मदरसे में मौलवी द्वारा नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ करने की घटना का खुलासा हुआ. बच्चियों ने मौलवी पर अश्लील वीडियो और अश्लील बातें करने का आरोप लगाया. साथ ही इन सब बातों का जिक्र अपने माता-पिता से करने पर जान से मारने की धमकी देने की जानकारी भी सामने आई थी.
हालांकि, मामले का खुलासा तब हुआ जब 8 साल की एक बच्ची की तबीयत खराब हुई. परिवार के लोगों ने बच्ची से बातचीत की तो पता चला कि मौलवी सभी बच्चियों के साथ गलत हरकत करता है. इस घटना का खुलासा होते ही मौलवी फरार हो गया. लेकिन चंद घंटों की तफ्तीश के बाद पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया.
पती ने की पत्नी निर्मम हत्या: उत्तराखंड के खटीमा क्षेत्र में एक व्यक्ति ने पत्नी की गर्दन काटकर भयावह हत्याकांड को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक, खटीमा के साल बोझी में मेघनाथ अपनी पत्नी आशा अपने बेटे नरेंद्र और पुत्रवधु पिंकी के साथ रहता था. मूल रूप से यूपी के बिलासपुर का रहने वाला परिवार खटीमा में रहकर दिहाड़ी-मजदूरी करता था. जानकारी के मुताबिक, शक्की प्रवृत्ति का मेघनाथ पत्नी आशा पर बात-बात पर शक करता था. 18 अगस्त की रात 56 वर्षीय आशा जब खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रही थी, तभी मेघनाथ ने फावड़े से उसकी गर्दन पर हमला कर दिया. आसपास के लोग शोर सुनकर मौके पर पहुंचे तो आशा अचेत अवस्था में बिस्तर में पड़ी हुई थी. पुलिस ने इस मामले में आरोपी 60 साल के मेघनाथ को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है.