टिहरी (उत्तराखंड): ऊर्जा के क्षेत्र में टिहरी बांध परियोजना के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. टिहरी बांध की महत्वाकांक्षी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) परियोजना की 250 मेगावाट की एक यूनिट टीएचडीसी, जीई और अन्य सहायक इकाई कंपनियों के इंजीनियरों ने राष्ट्रीय ग्रिड के साथ जोड़ (सिंक्रोनाइजेशन) दिया है. अगले एक सप्ताह के भीतर यह यूनिट पूरी तरह से बिजली उत्पादन शुरू कर देगी. इस बीच टेस्टिंग सहित अन्य तकनीकी कार्य यूनिट और ग्रिड के बीच ऑपरेशनल किए जाएंगे. इस परियोजना की दूसरी यूनिट को अगले साल जनवरी तक कमीशनिंग कर दिया जाएगा. 2025 के अंत तक पीएसपी की सभी चारों यूनिट 1000 मेगावॉट बिजली उत्पादन कर राष्ट्र को ऊर्जा के क्षेत्र में सबल बनाएंगी.
ऊर्जा के क्षेत्र में टीएचडीसी की बड़ी उपलब्धि:टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, एक प्रमुख केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू) है. टीएचडीआईएल ने भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की प्रथम यूनिट (250 मेगावाट) के राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सफल सिंक्रोनाइजेशन के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. यह सिंक्रोनाइजेशन 19 नवंबर 2024 को अपराह्न 5:50 बजे हुआ, जो भारत के अक्षय ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है.
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव पंकज अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएसपी टीम को उनके अथक समर्पण के लिए बधाई दी. उन्होंने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की भी सराहना की.
पंप स्टोरेज प्लांट यूनिट को ग्रिड से जोड़ा:CMD विश्नोई ने पीएसपी की टीम को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए बधाई दी. उन्होंने इस उपलब्धि के जरिए राष्ट्रीय ग्रिड की क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह किसी भी सीपीएसई द्वारा विकसित भारत के सबसे बड़े पंप स्टोरेज प्लांट के चालू होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. ये भारत के सबसे बड़े हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स, टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स को 2,400 मेगावाट की कुल संस्थापित क्षमता के साथ पूर्ण संचालन के नजदीक ला रहा है. 2400 मेगावाट की टिहरी बांध परियोजना जल्द ही संपूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन शुरू कर देगी. 1000 मेगावाट टिहरी बांध और 400 मेगावाट कोटेश्वर बांध से विद्युत उत्पादन पहले से ही हो रहा है.