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टेरर फंडिंग के आरोपी और सांसद इंजीनियर रशिद की अंतरिम जमानत 10 दिन बढ़ी, 13 अक्टूबर को करना होगा सरेंडर - MP Engineer Rashid bail extended

सांसद इंजीनियर रशिद की अंतरिम जमानत को दिल्ली की अदालत ने 10 दिन के लिए और बढ़ा दी है. उनको अब 13 अक्टूबर को जेल में सरेंडर करना होगा. इससे पहले 2 अक्टूबर को ही तिहाड़ में सरेंडर करना था.

सांसद इंजीनियर रशिद
सांसद इंजीनियर रशिद (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 1, 2024, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू कश्मीर टेरर फंडिंग मामले के आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर रशिद की अंतरिम जमानत अवधि 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. इससे पहले 10 सितंबर को कोर्ट ने उनको 2 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी थी. इंजीनियर रशिद को 3 अक्टूबर को सरेंडर करना था. अब उनको 13 अक्टूबर को सरेंडर करना होगा.

इंजीनियर रशिद ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के लिए तीन महीने की अंतरिम जमानत की मांग की थी. उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी. सांसद को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, इंजीनियर रशिद, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

क्या है आरोपःएनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

NIA के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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