जम्मू-कश्मीर: राजौरी में सेना की चौकी पर बड़ा आतंकी हमला नाकाम, एक जवान घायल - Terror attack Army picket - TERROR ATTACK ARMY PICKET
Terror attack Army picket in remote village Rajouri thwarted: जम्मू-कश्मीर में हाल की आतंकी घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. आतंकवादियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है. सुरक्षा को लेकर हाल में थल सेना प्रमुख ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी की.
श्रीनगर:राजौरी के खवास के बुधल इलाके में सोमवार तड़के आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ हुई. इस दौरान सेना का एक जवान घायल हो गया. उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस सभी संदिग्धों की जांच में जुटी है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे आतंकियों ने गुंडा गांव में हाल ही में बनाए गए सेना के कैंप पर गोलीबारी की. इस गोलीबारी का सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और दोनों तरफ से कुछ देर तक गोलीबारी हुई. उन्होंने बताया कि गोलीबारी के दौरान एक सैन्यकर्मी घायल हो गया, जिसे तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
इस बीच, पीआरओ डिफेंस जम्मू ने बताया कि आतंकियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है, क्योंकि सेना ने बड़े आतंकी हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है. इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
बता दें कि थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने नियंत्रण रेखा (LoC) और आस-पास के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया. बाद में उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. इन बैठकों के बाद उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ भी सुरक्षा को लेकर बैठक की.
बताया जा रहा है कि थल सेनाध्यक्ष प्रमुख ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद से निपटने में सेना के तालमेल पर जोर दिया. उन्होंने आश्वासन दिया है कि सेना पूरी तरह से इस अभियान में सहयोग करेगी. सुरक्षा समीक्षा बैठक में बीएसएफ, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए. वहीं उपराज्यपाल सिन्हा ने सभी सुरक्षा एजेंसियोंं से जम्मू संभाग में समन्वित आतंकवाद-रोधी अभियान सक्रियता से चलाने को कहा. बताया जा रहा है कि सेना प्रमुख की अध्यक्षता में हुई बैठक में रक्षा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.