नगरकुरनूल:तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में शनिवार को निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना हादसे में फंसे मजदूरों को बचाना चुनौतीपूर्ण है. सुरंग की छत का तीन मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे 8 मजदूर अंदर फंसे हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम और अन्य बचाव दल लगातार लोगों को बचाने में जुटे हैं लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है. मजदूर सुरंग के भीतर करीब 14 किलोमीटर अंदर फंसे हैं.
42 मजदूरों को सुरक्षित निकला गया
सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. फंसे हुए मजदूर पंजाब, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वहीं, 42 मजदूर सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे, जिनमें से दो घायल हो गए और उन्हें तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
सुरंग में भरा कीचड़, बचाव दल के लिए बड़ी चुनौती
निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालना बड़ी चुनौती है. बीती रातएनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम और अन्य बचाव दलों ने घटनास्थल का किया निरीक्षण. एसडीआरएफ के एक कर्मी ने एएनआई से कहा, 'सुरंग के अंदर जाने में कठिनाइयां हैं. यह पूरी तरह से ढह गई है और घुटनों तक कीचड़ भरा गया. हमें कोई दूसरा उपाय करना होगा.'
बचाव दल ने अंदर जाने में असमर्थता जताई
एनडीआरएफ के जवान और अन्य बचाव दल सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए घुसे लेकिन वे लौट आए. घटनास्थल का निरीक्षण करने गए बचाव दल और अंदर जाने में असमर्थता जताई और वे वापस लौट आए, जहां कम से कम आठ श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है. भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) को भी चल रहे बचाव अभियान में सहायता के लिए तैनात किया गया है.
शनिवार सुबह हुआ हादसा
एसएलबीसी सुरंग परियोजना को गति देने के लिए चार दिन पहले ही निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शनिवार सुबह अमराबाद मंडल के डोमलपेंटा के पास हुई. उन्होंने बताया कि सुबह करीब 8:30 बजे मिट्टी का मलबा गिरने लगा, जिससे पहली शिफ्ट में काम कर रहे 50 कर्मचारियों में दहशत फैल गई. 42 मजदूर सुरक्षित निकलने में सफल रहे, जबकि आठ मजदूर अंदर फंस गए.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है, जबकि भारतीय सेना की एक इंजीनियर रेजिमेंट, जो सिकंदराबाद में इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा है, को बचाव प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक एक्सकेवेटर डोजर के साथ स्टैंडबाय पर रखा गया है.
तेलंगाना के मुख्य सचिव के अनुरोध पर सेना ने बचाव अभियान के लिए अपने इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को तुरंत जुटाया. जिसमें विशेषज्ञ इंजीनियरिंग टीमें, सेना चिकित्सा कोर की फील्ड एम्बुलेंस से एक चिकित्सा टुकड़ी (एक एम्बुलेंस के साथ) और तीन उच्च क्षमता वाले पंपिंग सेट, बख्तरबंद नली और अन्य सहायक उपकरण शामिल हैं.
टास्क फोर्स कमांडर घटना स्थल पर बचाव अभियान में समन्वय कर रहा है. इसके अलावा, इंजीनियरों और उपकरण विशेषज्ञों से युक्त एक बचाव दल भारी मशीनरी के साथ स्टैंडबाय पर है, जिसमें तीन टाट्रा ट्रकों पर लोड किया गया एक साइज II BD80 डोजर, JCB और SSL शामिल है.
पीएम मोदी ने ली बचाव अभियान की जानकारी
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और एसएलबीसी सुरंग में फंसे लोगों के बचाव के बारे में चर्चा की. पीएम मोदी ने बचाव प्रयासों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
सेना और एनडीआरएफ को बुलाया गया
इससे पहले, तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपल्ली कृष्णराव ने घटनास्थल पर स्थिति का जायजा लिया. उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार सुरंग में फंसे मजदूरों की सुरक्षा के लिए सभी उपाय करेगी. उन्होंने कहा कि हम 8 लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं. सुरंग में फंसे लोग उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और झारखंड के हैं. इनमें एक प्रोजेक्ट इंजीनियर, फील्ड इंजीनियर, चार मजदूर और दो बोरिंग मिशन ऑपरेटर हैं. मंत्री ने कहा कि उन्होंने सेना से भी संपर्क किया है. सेना रात तक मौके पर पहुंच जाएगी. एनडीआरएफ की 3 टीमें भी मौके पर पहुंच रही हैं.
उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, "बाईं ओर की सुरंग में 4 दिन पहले काम शुरू हुआ था. सुरंग में फंसे लोगों के लिए वेंटिलेशन की व्यवस्था है. उन्हें बाहर निकालना एक चुनौती है, क्योंकि वे 14 किलोमीटर अंदर की ओर फंसे हुए हैं. सेना और एनडीआरएफ की टीमें आर रही हैं."
एसएलबीसी सुरंग परियोजना का उद्देश्य श्रीशैलम परियोजना के बैकवाटर से पानी निकाल कर सूखाग्रस्त नलगोंडा जिले को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराना है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हादसे पर दुख जताया
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एसएलबीसी सुरंग में हुए हादसे पर दुख जताया है और अधिकारियों को बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. तेलंगाना सीएमओ ने एक बयान में कहा कि सुरंग की छत गिरने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क कर दिया. इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं. सीएम ने जिला कलेक्टर, एसपी, अग्निशमन सेवा विभाग, HYDRAA को तुरंत मौके पर पहुंचने और राहत उपाय करने का आदेश दिया.
वहीं, मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी तुरंत एक विशेष हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे और सिंचाई विभाग के सलाहकार आदित्यनाथ दास के साथ बचाव कार्य की देखरेख कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और अधिकारियों से सुरंग की छत ढहने के कारण के बारे में जवाब मांगा. उन्होंने अधिकारियों से फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने और घायलों को उचित इलाज कराने की अपील की.
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