हैदराबाद: तेलंगाना में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोन ऐप से होने वाले धोखाधड़ी पर बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में ईडी ने करीब 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की. जब्त की गई संपत्तियों में कई कंपनियों के बैंक खातों से प्राप्त राशि शामिल हैं.
ईडी ने इन पर की कार्रवाई
ईडी के मुताबिक निमिशा फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, राजकोट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट लिमिटेड, महानंदा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड और बुस्किन मैनेजमेंट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के खातों से धन जब्त किया है. ये सभी संस्थाएं लोन आवेदनों से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में लिप्त थीं.
जानकारी के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले ये लोन ऐप कस्टमर्स को फंसाने के लिए तुरंत और आसान लोन की पेशकश करते और लोन लेने वालों की पर्सनल डिटेल्स एकत्र कर लेते. वहीं, ये अत्यधिक इंटरेस्ट रेट पर लोन देते थे. अगर लोन चुकाने में देर हो जाए तो यह लोग धमकी देने लगते. कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ पीड़ितों ने दबाव के चलते अपनी जान भी दे दी.
बता दें, ईडी ने 242 इंस्टेंट लोन मोबाइल एप्लीकेशन के खिलाफ दर्ज किए गए 118 मामलों की जांच की. ये जांच पीड़ितों परिवारों की शिकायतों के बाद शुरू हुईं. जांच में कई धोखाधड़ी वाले मोबाइल ऐप की पहचान हुई, जिनमें 'ऑनलाइन लोन', 'रुपी बस', 'फ्लिप कैश' और 'रुपी स्मार्ट' शामिल हैं, जो सभी निमिशा फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और स्काईलाइन इनोवेशन टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं.
कार्रवाई में इस बात का खुलासा हुआ कि इन अपराधों से संबंधित 20 करोड़ रुपये निमिषा फाइनेंस से राजकोट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट लिमिटेड (RITL) में ट्रांसफर किए गए थे. स्काईलाइन इनोवेशन और राजकोट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट लिमिटेड के बीच वित्तीय संबंधों से घोटाले में शामिल वित्तीय लेन-देन का भी पता चला.
ईडी अधिकारियों ने कहा कि हमें पता चला है कि उन अपराधों से संबंधित 20 करोड़ रुपये निमिषा से आरआईटीएल को ट्रांसफर किए गए हैं. जिसमें 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है.
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