चेन्नई :मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका दूसरी बार खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने पूरी जांच तीन महीने के अंदर पूरी करने का आदेश दिया है. प्रवर्तन विभाग द्वारा अवैध धन हस्तांतरण का मामला दर्ज करने के बाद सेंथिल बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है और इसकी एक प्रति सेंथिल बालाजी को दे दी गई है. मद्रास प्रिंसिपल सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट ने पहले ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन उन्होंने हाई कोर्ट में दूसरी बार जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस मामले में 14, 15 और 21 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान सेंथिल बालाजी की ओर से वरिष्ठ वकील आर्यमा सुंदरम और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एआरएल सुंदरेशन पेश हुए.
सेंथिल बालाजी की ओर से कहा गया कि सेंथिल बालाजी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वह मंत्री नहीं हैं, इसलिए सबूतों के निपटारे की कोई संभावना नहीं है. इस वजह से जमानत दी जानी चाहिए. साथ ही यह तर्क दिया गया कि दोनों पक्षों ने 21 फरवरी को अपनी दलीलें पूरी कर लीं, लेकिन मामले को तारीख बताए बिना फैसले के लिए स्थगित कर दिया गया. इस मामले में जज आनंद वेंकटेश ने मंगलवार सुबह 10.30 बजे सेंथिल बालाजी की जमानत मामले में फैसला सुनाने के साथ ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. जज ने अपने फैसले में कहा कि यह याचिका खारिज की जाती है क्योंकि इसमें कोई दम नहीं है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि चूंकि सेंथिल बालाजी 8 महीने से जेल में हैं, इसलिए प्राथमिक सत्र अदालत को उनके खिलाफ मामले की जांच 3 महीने के भीतर पूरी करनी चाहिए.
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