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SC की फटकार के बाद तमिलनाडु BJP ने मंत्री बालाजी को बर्खास्त करने की मांग की

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के बारे में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर बीजेपी ने स्टालिन पर हमला बोला है.

Senthil Balaji
तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन और मंत्री सेंथिल बालाजी (फाइल फोटो) (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 3, 2024, 12:22 PM IST

चेन्नई: तमिलनाडु भाजपा ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे वी सेंथिल बालाजी को मंत्री के रूप में तत्काल बर्खास्त करने की मांग की. बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बालाजी पर की गई टिप्पणी को लेकर स्टालिन पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत मिलने के तुरंत बाद सेंथिल बालाजी को मंत्री बनाए जाने पर सवाल पूछा था.

तमिलनाडु बीजेपी ने कहा कि एम के स्टालिन को द्रमुक के वी सेंथिल बालाजी को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए. तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष और पार्टी प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेंथिल बालाजी की बहाली के संबंध में पूछे गए 'क्या हो रहा है' के सवाल की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि यह सवाल मुख्यमंत्री से पूछा गया था.

तिरुपति ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'क्या सेंथिल बालाजी इस सवाल का कारण हैं? नहीं. यह सवाल मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से पूछा गया है. मंत्री बनना सेंथिल बालाजी का अपराध नहीं है. सवाल यह है कि आप (स्टालिन) उन्हें मंत्री क्यों बनाया.' उन्होंने कहा कि एक 'जिम्मेदार मुख्यमंत्री' के तौर पर स्टालिन सेंथिल बालाजी से कह सकते थे कि 'मामले से बाहर आने के बाद' उन्हें मंत्री बनाया जाएगा.

भाजपा नेता ने दावा किया कि सेंथिल बालाजी '400 दिनों से अधिक समय तक' सलाखों के पीछे रहे, क्योंकि ऐसा माना जाता था कि वह मामले में 'गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं.' उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थिति में केवल मुख्यमंत्री स्टालिन को ही जवाब देना चाहिए कि बालाजी फिर से मंत्री क्यों बने. मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है और सेंथिल बालाजी को तुरंत कैबिनेट से हटा देना चाहिए. एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें ऐसा ही करना चाहिए.'

तिरुपति ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पांच साल पहले सेंथिल बालाजी की आलोचना की थी, जब वह डीएमके में नहीं थे. उन्होंने 'उन्हें भ्रष्ट कहा था और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.' सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु में बालाजी को कैबिनेट मंत्री के रूप में बहाल करने पर चिंता व्यक्त की थी, जिसके कुछ ही दिनों बाद उसने नकदी के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी.

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, 'हमने आपको जमानत दी और उसके कुछ दिनों बाद ही आप मंत्री बन गए. कोई भी यह सोचेगा कि अब वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में आपके पद के कारण गवाहों पर दबाव होगा. यह क्या हो रहा है?'

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