नई दिल्लीःदिल्ली दंगे के आरोपी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की ओर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल दी है. कोर्ट ने हुसैन को निर्धारित समय के दौरान दिन में बाहर निकलने और रात को जेल लौटने की शर्त रखी है. 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में चुनाव प्रचार कर सकेंगे.
यह पैरोल उन सभी मामलों में दी गई है जिनमें उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिली है. इस दौरान दिल्ली दंगों के आरोप ताहिर हुसैन को कई शर्तों का पालन करना होगा.
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश दिया है. यह फैसला तब आया जब दो जजों की पीठ ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देने पर सहमत नहीं हो सकी थी. पीठ ने दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू की कड़ी आपत्तियों के बावजूद ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल दे दी.
AIMIM द्वारा टिकट:बता दें कि ताहिर हुसैन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली के मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है. एमआईएम ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में दो उम्मीदवार खड़े किये हैं. ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद और शिफाउर रहमान को ओखला से टिकट दिया गया है. इन दोनों को टिकट दिए जाने पर एआईएमआईएम की भी आलोचना हुई है और कहा गया है कि पार्टी ने दिल्ली दंगों के आरोपियों को टिकट दिया है.
अंकित शर्मा की हत्या का आरोप: 24 दिसंबर 2024 को आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर हुसैन की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इसी जमानत याचिका में नई याचिका दायर कर ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. ताहिर हुसैन को एआईएमआईएम की ओर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है. ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील तारा नरूला ने कहा कि इस मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है और अभियोजन पक्ष के 114 गवाहों में से अब तक 20 गवाहों का परीक्षण किया गया है. ऐसे में ट्रायल जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि ताहिर हुसैन चार साल नौ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में है.
फरवरी 2020 का है मामला: 26 फरवरी 2020 आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार दयालपुर थाने आए और कहा कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौटकर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था. जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो उनके पिता ने कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए. रात तक इंतजार करने के बाद उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसके बाद उन्हें कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है. उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया.
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