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हरिद्वार से संतों को नहीं मिलती चुनाव में सफलता, चिन्मयानंद बोले- यूसीसी है जरूरी - Saints Contest Election

Former Union Minister of State for Home Swami Chinmayanand हरिद्वार की जनता साधु संतों को आध्यात्मिक दृष्टि से देखती है. क्योंकि, ऐसा प्रयोग पहले हो चुका है. जिसमें जनता ने नकार दिया था. राम जन्मभूमि मामले में फैसला आने के बाद कुछ राजनीतिक लोग उनकी बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर रहे थे, जिसकी वजह से उन पर आरोप लगाए गए. यह बात पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कही.

Former Union Minister Swami Chinmayanand
स्वामी चिन्मयानंद

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 5, 2024, 5:08 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 6:24 PM IST

स्वामी चिन्मयानंद का बयान

हरिद्वार:पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने हरिद्वार लोकसभा सीट से किसी संत को टिकट दिए जाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ कहा कि यह प्रयोग एक बार किया जा चुका है, लेकिन जनता ने इसे नकार दिया. क्योंकि, जनता साधु संतों को संतों के रूप में देखना चाहती है, राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं. वहीं, अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से बरी होने पर चिन्मयानंद ने कहा कि ईर्ष्या करने वालों के हौसले पस्त हो गए. वहीं, अयोध्या के बाद ज्ञानवापी और मथुरा के मामले को मिल बैठ कर निपटाने की नसीहत दी.

साधु संतों को आध्यात्मिक दृष्टि से देखती है हरिद्वार की जनता:किसी संत को हरिद्वार से चुनाव लड़ाने की उठ रही मांग पर स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि ऐसा प्रयोग किया जा चुका है. एक बार संत को पार्लियामेंट के प्रत्याशी के रूप में उतारा गया, लेकिन हरिद्वार की जनता ने स्वीकार नहीं किया. हरिद्वार की जनता साधु संतों को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ही देखना चाहती है, उन्हें राजनेता के रूप में नहीं देखना चाहती, ऐसा वो मानते हैं.

आरोप और बरी होने पर क्या कहा?स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि 2010 में राम जन्मभूमि मामले में फैसला आ गया था. 2011 में उन पर आरोप लगा. राम जन्मभूमि संघर्ष में उनकी बढ़ती लोकप्रिय के चलते यह आरोप लगाए गए. वो राजनीतिक लोग ही थे, जिन्होंने उनकी बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर ऐसा किया. अब सभी लोगों के हौसले पस्त हो चुके हैं. यह आरोप राम जन्मभूमि मामले में फैसला आने के बाद लगा.

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर कही ये बात:उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने पर चिन्मयानंद ने कहा कि यूसीसी का आना जरूरी है. जिस तरीके से देश विरोधी गतिविधियां, जाति, संप्रदाय के नाम पर एक दूसरे को विभाजित कर रही है, वो खत्म होनी चाहिए. एक जैसा कानून बनना चाहिए. वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश में ऐसे विद्यालयों का निर्माण होना चाहिए, जहां हिंदू चरित्र को विकसित किया जा सके.

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Last Updated : Feb 5, 2024, 6:24 PM IST

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