नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी की सजा पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने उनकी पत्नी पी. विशालाक्षी की सजा भी निलंबित कर दी. पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि श्री पोनमुडी को सजा और दोषसिद्धि दोनों पर रोक मिल गई है, और उनकी पत्नी को सजा पर रोक मिल गई है.
पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी की तरफ से एडवोकेट पुलकित तारे ने शीर्ष अदालत के फैसले को बताते हुए कहा कि यह दोषसिद्धि को उलटने का मामला है, इसलिए मामले को उचित संदेह से परे निपटाया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले में व्यापक जनहित भी शामिल है क्योंकि पोनमुडी एक निर्वाचित उम्मीदवार हैं और फिर से चुनाव कराना होगा.
इस साल जनवरी में शीर्ष अदालत ने उन्हें मामले में आत्मसमर्पण करने से छूट दे दी थी. पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी को अभी तक कैद नहीं किया गया है क्योंकि उच्च न्यायालय ने उन्हें शीर्ष अदालत में जाने की अनुमति देने के लिए उनकी सजा को निलंबित कर दिया था.