मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश दिया है. उन पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में धोखाधड़ी करने के आरोपों का सामना कर रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत की याचिका पर दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई की तारीख तक संरक्षण लागू रखने का निर्देश दिया. जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को तय की और आदेश दिया कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. खेडकर पर आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है. उन्होंने अपने खिलाफ सभी आरोपों का खंडन किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि प्रथम दृष्टया मामला मजबूत है और भर्ती प्रणाली में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए जांच जरूरी है.