नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में इंटरनेट की कीमतों को विनियमित करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने रजत नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के पास इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कई विकल्प हैं.
पीठ ने कहा, "यह एक फ्री मार्केट है. कई विकल्प हैं. पको वायर्ड इंटरनेट मिलता है, अन्य इंटरनेट भी हैं, बीएसएनएल और एमटीएनएल भी आपको इंटरनेट दे रहे हैं." याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि बाजार के अधिकांश हिस्से पर जियो और रिलायंस का नियंत्रण है.
'कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के पास जाएं'
इस पर पीठ ने कहा, "अगर आप कार्टेलाइजेशन का आरोप लगा रहे हैं, तो कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के पास जाएं." हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर याचिकाकर्ता उचित वैधानिक उपाय का सहारा लेना चाहता है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है.