पटना :सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर बिहार सरकार और एनएचएआई सहित अन्य से जवाब मांगा, जिसमें राज्य में पुलों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई गई थी. ऐसे सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों के ऑडिट के लिए निर्देश देने की भी मांग याचिका में की गई थी.
बिहार सरकार और NHAI समेत अन्य को नोटिस : भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बिहार सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और ग्रामीण कार्य विभाग के अतिरिक्त प्रमुख को नोटिस जारी किया.
तीन जजों की पीठ करेगी सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ब्रजेश सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें व्यवहार्यता के आधार पर कमजोर पुलों को ध्वस्त करने या फिर से बनाने के निर्देश देने की मांग रखी गई थी.
कमजोर पुलों को गिराने की मांग : याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से पुलों के ऑडिट के लिए निर्देश जारी करने और उन पुलों की पहचान करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने का आग्रह किया, जिन्हें उसके निष्कर्षों के आधार पर या तो मजबूत किया जा सकता है या ध्वस्त किया जा सके.