बिहार

bihar

गिरते पुलों पर SC ने बिहार सरकार और NHAI से मांगा जवाब, याचिका में जताई गई है कमजोर पुलों को लेकर चिंता - Supreme Court

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 29, 2024, 8:24 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 10:58 PM IST

बिहार में गिरते पुल को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने बिहार सरकार, NHAI और अन्य से जवाब मांगा है. इस याचिका में ये गुहार लगाई गई है कि पुलों की ऑडिट करके कमजोर पुलों को ध्वस्त किया जा सके. पढ़ें पूरी खबर-

Etv Bharat
सुप्रीम कोर्ट (Etv Bharat)

पटना :सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर बिहार सरकार और एनएचएआई सहित अन्य से जवाब मांगा, जिसमें राज्य में पुलों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई गई थी. ऐसे सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों के ऑडिट के लिए निर्देश देने की भी मांग याचिका में की गई थी.

बिहार सरकार और NHAI समेत अन्य को नोटिस : भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने बिहार सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और ग्रामीण कार्य विभाग के अतिरिक्त प्रमुख को नोटिस जारी किया.

तीन जजों की पीठ करेगी सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ब्रजेश सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें व्यवहार्यता के आधार पर कमजोर पुलों को ध्वस्त करने या फिर से बनाने के निर्देश देने की मांग रखी गई थी.

कमजोर पुलों को गिराने की मांग : याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से पुलों के ऑडिट के लिए निर्देश जारी करने और उन पुलों की पहचान करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने का आग्रह किया, जिन्हें उसके निष्कर्षों के आधार पर या तो मजबूत किया जा सकता है या ध्वस्त किया जा सके.

याचिकाकर्ता ने लगाई गुहार: याचिका में कहा गया है कि तत्काल मुद्दे पर शीर्ष अदालत को तत्काल विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि दो या तीन साल के भीतर प्रमुख निर्माणाधीन पुलों और अन्य बड़े, मध्यम और छोटे पुलों के ढहने की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुछ लोगों की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए.

याचिकाकर्ता का आरोप :याचिका में कहा गया है कि इन दुर्भाग्यपूर्ण मानव निर्मित घटनाओं के कारण मानव जीवन की हानि के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी नुकसान हुआ. यह सरकार की घोर लापरवाही और ठेकेदारों और संबंधित एजेंसियों की भ्रष्ट सांठगांठ के कारण हुआ. याचिका में दलील दी गई कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि बिहार जैसे राज्य में, जो देश का सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य है, राज्य में कुल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 68,800 वर्ग किमी है. जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 73.06% है.

अदालत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग: याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि बिहार में पुल गिरने की ऐसी नियमित घटनाएं अधिक विनाशकारी हैं, क्योंकि लोगों का जीवन बड़े पैमाने पर खतरे में है और इसलिए वर्तमान में रह रहे लोगों की जान बचाने के लिए शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Jul 29, 2024, 10:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details