देहरादूनःउत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित सहस्त्रधारा में पानी का एक ऐसा स्रोत है, जहां नहाना शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों को मानना है कि सहस्त्रधारा में मौजूद गंधक (सल्फर युक्त) स्रोत के पानी में नहाने से चर्म रोग (स्किन डिजीज) संबंधित बीमारी ठीक हो जाती है. यही वजह है कि उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश के तमाम हिस्सों से लोग सहस्त्रधारा पहुंचकर न सिर्फ गंधक स्रोत कुंड में स्नान करते हैं.
देहरादून स्थित घंटाघर से महज 15 किलोमीटर दूर सहस्त्रधारा में हर साल हजारों की संख्या में सैलानी प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाने के साथ ही सहस्त्रधारा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं. हालांकि, इसका भी एक सीजन है. खासकर गर्मियों के सीजन में देश भर के तमाम हिस्सों से सैलानी सहस्त्रधारा पहुंचते हैं, और प्राकृतिक जल स्रोत में स्नान कर गर्मी से राहत पाते हैं.
देहरादून में चट्टानों से बहता है औषधीय गुणों से युक्त पानी (ETV Bharat) चर्म रोग के लिए फायदेमंद: सहस्त्रधारा क्षेत्र की खासियत सिर्फ यही नहीं है बल्कि सहस्त्रधारा में गंधक स्त्रोत कुंड भी मौजूद है. जिस पानी में स्नान करने और पानी को अपने साथ ले जाने के लिए देश के तमाम हिस्सों से सैलानी सहस्त्रधारा पहुंचते हैं. गंधक पानी यानी सल्फर युक्त पानी जो चर्म रोग जैसे छोटे दाने, घमोरियां, इचिंग के दौरान काफी फायदेमंद है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति स्किन रोग से संबंधित किसी बीमारी से ग्रसित है तो वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित सहस्त्रधारा आ सकता है. जहां मौजूद गंधक स्रोत में स्नान कर सकता है.
गंधक स्रोत कितना फायदेमंद है?इस सवाल पर आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना कोहली ने बताया कि गंधक पानी में सल्फर पाया जाता है. ऐसे में गंधक को आयुर्वेद में तमाम तरह से इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि, गंधक स्किन और पेट से जुड़ी समस्या के लिए काफी फायदेमंद होता है. आयुर्वेद में गंधक रसायन और गंधक वटी नाम से दवाइयां भी मौजूद हैं. गंधक रसायन का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्या के लिए और गंधक वटी का इस्तेमाल पेट से संबंधित समस्या के लिए इस्तेमाल किया जाता है. स्किन समस्या के दौरान जैसे मरीज को नहाने के पानी में गंधक डालकर नहाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, सहस्त्रधारा गंधक स्रोत का पानी पीने योग्य नहीं है क्योंकि अब स्रोत शुद्ध नहीं रह गया है लेकिन उसको नहाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना कोहली (PHOTO-ETV Bharat) गंधक युक्त दवाइयां बाजार में मौजूद:चिकित्सा पद्धति के अनुसार भी सल्फर युक्त पानी का इस्तेमाल करने से स्किन रोग संबंधित समस्याएं दूर होती हैं. बाजारों में गंधक युक्त हर्बल दवाई और मिश्रित (मिक्स्ड) लोशन भी मिलते हैं, जिसका इस्तेमाल स्किन रोग से संबंधित इलाज के लिए और पेट से संबंधित इलाज के लिए किया जाता है.
आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना कोहली (PHOTO-ETV Bharat) दूर-दूर से आते हैं पर्यटक: सहस्त्रधारा में देश के तमाम हिस्सों से आए पर्यटकों ने कहा कि गंधक का पानी स्किन और पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद है. यही वजह है कि वो जब भी देहरादून घूमने आते हैं तो सहस्त्रधारा जरूर आते हैं. साथ ही गंधक का पानी अपने साथ भी ले जाते हैं.
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