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साल 2024 में कई नेताओं की चमकी किस्मत, जानें इस साल का राजनीतिक समीकरण? - MANY LEADERS WON ELECTION 2024

उत्तराखंड में कई नेताओं के लिए साल 2024 उतार-चढ़ाव भरा रहा है. कई नेताओं के सिर जीत का ताज सजा तो कई चुनाव हारे.

Political journey of Uttarakhand in year 2024
साल 2024 में उत्तराखंड का राजनीतिक सफर (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 11 hours ago

देहरादून (रोहित कुमार सोनी): साल 2024 में उत्तराखंड के कई राजनेताओं की सियासी किस्मत चमकी है. उत्तराखंड के पांच लोकसभा सांसदों के निर्वाचित होने के साथ ही बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष को भी राज्यसभा का सांसद बनाया गया है. यही नहीं, विधानसभा के स्तर पर गौर करें तो एक नहीं बल्कि तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. जिसमें दो सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस और केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की महिला नेत्री की लॉटरी लगी. यानी उत्तराखंड के सियासी लिहाज से खास तौर से पक्ष-विपक्ष के कुछ नेताओं की सियासी किस्मत इस साल चमकी. आखिर कैसा रहा साल 2024 का राजनीतिक समीकरण, किन-किन नेताओं की बदली किस्मत, विस्तार से पढ़ें खबर.

सियासत के लिहाज से अहम रहा साल: राजनीतिक के लिहाज से साल 2024 बेहद खास रहा है. यूं तो हर साल उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत में उथल-पुथल देखने को मिलती रही है. लेकिन साल 2024 में चुनावी समीकरण का इतिहास से बेहद अहम रहा है. क्योंकि इस साल जहां प्रदेश की राजनीति लोकसभा चुनाव में व्यस्त रही. वहीं, तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहमागहमी देखी गई. इसके अलावा, निकाय चुनाव की गहमागहमी भी साल 2024 के आखिरी महीने यानी दिसंबर में काफी अधिक देखी जा रही है. यही वजह है कि साल 2024 चुनाव और राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

जानिए इस साल उत्तराखंड का राजनीतिक समीकरण (Video-ETV Bharat)

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सिर सजा ताज: लोकसभा चुनाव साल 2024 में पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने अपना परचम लहराया. लेकिन शुरुआती दौर में प्रत्याशियों के चयन के दौरान प्रदेश की राजनीति में तमाम कयासबाजी का दौर देखा गया. जहां बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चयन को लेकर लंबे समय तक माथापच्ची चलती रही. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस में भी प्रत्याशियों के चयन को काफी मशक्कत करनी पड़ा. हालांकि, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पांचों प्रत्याशियों के सिर पर जीत का ताज सजा. लेकिन कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भले ही चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने अपना दबदबा कायम करते हुए अपने आपको शीर्ष नेताओं में शामिल कर लिया.

Garhwal MP Anil Baluni
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी (Photo-ETV Bharat)

अनिल बलूनी पर जताया भरोसा: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान दांव खेला और त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद बन गए. जबकि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रहे, इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल लोक सभा सीट से पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत की जगह साल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा आलाकमान ने पूर्व राज्यसभा सांसद रहे अनिल बलूनी पर भरोसा जताया और अनिल बलूनी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद बन गए.

Garhwal MP and Haridwar MP
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत (Photo-ETV Bharat)

तीन सीटों पर पुराने चेहरों पर खेला दांव: हालांकि, बाकी बचे तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा ने पूर्व लोकसभा सांसद को ही टिकट दिया. जिसमें अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सांसद रहे अजय टम्टा पर भाजपा आलाकमान ने फिर से भरोसा जताते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित किया. अजय टम्टा ने भारी बहुमत के साथ चुनाव जीते. इसी तरह उधमसिंह नगर नैनीताल लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद अजय भट्ट पर दोबारा से भाजपा ने दांव खेला और एक बार फिर अजय भट्ट की लोकसभा सांसद के रूप में ताजपोशी हुई. टिहरी लोकसभा सीट पर कई बार सांसद रह चुकी माला राज्य लक्ष्मी शाह को ही उम्मीदवार चुना गया. माला राज्य लक्ष्मी शाह एक बार फिर लोकसभा सांसद चुनी गई.

Rajya Sabha MP Mahendra Bhatt
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट (Photo-ETV Bharat)

महेंद्र भट्ट को भेजा गया राज्यसभा: साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर जहां एक ओर भाजपा नेताओं ने तीसरी बार लगातार बाजी मारी है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की भी लॉटरी लगी, क्योंकि, भाजपा आलाकमान ने महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजा. इसके पीछे की एक वजह यह भी रही कि साल 2022 में हुई विधानसभा चुनाव के दौरान महेंद्र भट्ट, बदरीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के कार्यकाल में भाजपा पार्टी को मिली बड़ी जीत के चलते भाजपा अलग अमन ने महेंद्र भट्ट को राज्यसभा सांसद का तोहफा दिया.

Asha Nautiyal became MLA from Kedarnath
केदारनाथ से आशा नौटियाल बनी विधायक (Photo-ETV Bharat)

बदरीनाथ सीट पर बीजेपी का कब्जा: साल 2024 में उत्तराखंड राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें मंगलौर, बदरीनाथ और केदारनाथ विधानसभा सीट शामिल है. मंगलौर विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी शरबत करीम अंसारी विधायक चुने गए थे, लेकिन उनके निधन के बाद साल 2024 में हुए उप चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन के सिर पर जीत का ताज सजा, जबकि 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान उनका हार का सामना करना पड़ा था. यानी इस साल 2024 कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है. मंगलौर, बदरीनाथ की सीट कांग्रेस की झोली में गई, जबकि केदारनाथ सीट बीजेपी ने झटक ली.

Mangaluru Congress MLA Qazi Mohammed Nizamuddin
मंगलौर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन (Photo-ETV Bharat)

बदरीनाथ सीट लखपत बुटोला ने जीती: बदरीनाथ विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी बतौर विधायक चुने गए थे. लेकिन करीब 2 साल के बाद ही लोकसभा चुनाव से पहले राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए, जिसके चलते बदरीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया. हालांकि, इस उप चुनाव में साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र भट्ट की जगह कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र भंडारी को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया. लेकिन इस उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला विधायक चुने गए. यानी साल 2024 में कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला की सियासी किस्मत चमकी.

Badrinath Congress MLA Lakhpat Singh
बदरीनाथ कांग्रेस विधायक लखपत सिंह (Photo-ETV Bharat)

आशा नौटियाल की चमकी किस्मत: केदारनाथ विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत बतौर विधायक चुनी गई थी. लेकिन भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट पर साल 2024 में उपचुनाव कराया गया. इस दौरान भाजपा ने केदारनाथ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक एवं भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल पर भरोसा जताया. हालांकि, उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन के बाद राजनीतिक सियासत गरमा गई थी. बावजूद इसके भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को मात देते हुए विधायक चुनी गई.

निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी: साल 2024 का चुनाव के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि साल 2023 में नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के करीब एक साल के बाद 23 दिसंबर को नगर निकाय चुनाव संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई. हालांकि, नगर निकाय चुनाव संबंधित राजनीतिक सरगर्मियां प्रदेश में पहले ही प्रदेश में शुरू हो गई थी. लेकिन नगर निकाय संबंधित सूचना जारी होने के बाद ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. क्योंकि, 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन करने की तिथि रखी गई है. यही वजह है कि प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया को तेज कर दिया.

2024 में कई नेताओं का बड़ा कद: कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण के इतिहास से साल 2024 बेहद खास रहा है. क्योंकि साल 2024 की शुरुआत में ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां प्रदेश में देखी गई, तो वहीं, साल 2024 समाप्त होने के दौरान नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां देखी जा रही हैं. यानी साल के शुरुआत और साल के अंत में उत्तराखंड राज्य में राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दिए हैं. हालांकि नगर निकाय चुनाव के नतीजे आगामी नए वर्ष 2025 में सामने आएंगे. लेकिन राजनीतिक समीकरण के लिहाज से साल 2024 के दौरान कई नेताओं का सियासी कद बढ़ा है तो कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिली.

बीजेपी नेता महेंद्र भट्ट ने क्या कहा: वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि साल 2024 सिर्फ व्यक्तिगत लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं रहा, बल्कि यह साल राजनीतिक समीकरण के साथ ही तमाम महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए भी ऐतिहासिक रहा है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में लोगों का जनादेश देश के विकास के लिए आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार भाजपा की सरकार केंद्र में बनी. इसके अलावा साल 2024 इस वजह से भी और महत्वपूर्ण हो गया है. क्योंकि प्रदेश के सीमांत क्षेत्र से एक नेता को राज्यसभा सांसद बनाया गया. इसके अलावा, उत्तराखंड के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने तमाम ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं. इसमें साल 2024 के दौरान देश के भीतर उत्तराखंड में एक नजीर देने का काम किया है.

हार से कांग्रेस हताश नहीं: वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चुनाव के दौरान बहुत सारे लोग चुनावी मैदान में उतरते हैं लेकिन जीत एक व्यक्ति की होती है. उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं और एक जमाना ऐसा था, जब पांचों लोकसभा की सीटें कांग्रेस के पास थी. लेकिन आज एक भी सीट कांग्रेस के पास नहीं है. राजनीति में उतार-चढ़ाव चलता रहता है, लेकिन इस हार से कांग्रेस के नेता कभी हताश नहीं हुए, बल्कि चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस नेता जनता की सेवा में लगे रहते हैं. साथ ही कहा कि उत्तराखंड के अंदर कांग्रेस के लिए अपार संभावनाएं हैं, ऐसे में कांग्रेस और कांग्रेस से कार्यकर्ता हमेशा उत्तराखंड के लिए समर्पित रहेंगे.
पढ़ें-2024 में 8000 पदों के लिए हुये एग्जाम, हजारों युवाओं को मिली नौकरी, जानें और क्या रहा खास

देहरादून (रोहित कुमार सोनी): साल 2024 में उत्तराखंड के कई राजनेताओं की सियासी किस्मत चमकी है. उत्तराखंड के पांच लोकसभा सांसदों के निर्वाचित होने के साथ ही बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष को भी राज्यसभा का सांसद बनाया गया है. यही नहीं, विधानसभा के स्तर पर गौर करें तो एक नहीं बल्कि तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए. जिसमें दो सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस और केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की महिला नेत्री की लॉटरी लगी. यानी उत्तराखंड के सियासी लिहाज से खास तौर से पक्ष-विपक्ष के कुछ नेताओं की सियासी किस्मत इस साल चमकी. आखिर कैसा रहा साल 2024 का राजनीतिक समीकरण, किन-किन नेताओं की बदली किस्मत, विस्तार से पढ़ें खबर.

सियासत के लिहाज से अहम रहा साल: राजनीतिक के लिहाज से साल 2024 बेहद खास रहा है. यूं तो हर साल उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत में उथल-पुथल देखने को मिलती रही है. लेकिन साल 2024 में चुनावी समीकरण का इतिहास से बेहद अहम रहा है. क्योंकि इस साल जहां प्रदेश की राजनीति लोकसभा चुनाव में व्यस्त रही. वहीं, तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर गहमागहमी देखी गई. इसके अलावा, निकाय चुनाव की गहमागहमी भी साल 2024 के आखिरी महीने यानी दिसंबर में काफी अधिक देखी जा रही है. यही वजह है कि साल 2024 चुनाव और राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

जानिए इस साल उत्तराखंड का राजनीतिक समीकरण (Video-ETV Bharat)

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सिर सजा ताज: लोकसभा चुनाव साल 2024 में पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने अपना परचम लहराया. लेकिन शुरुआती दौर में प्रत्याशियों के चयन के दौरान प्रदेश की राजनीति में तमाम कयासबाजी का दौर देखा गया. जहां बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चयन को लेकर लंबे समय तक माथापच्ची चलती रही. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस में भी प्रत्याशियों के चयन को काफी मशक्कत करनी पड़ा. हालांकि, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पांचों प्रत्याशियों के सिर पर जीत का ताज सजा. लेकिन कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भले ही चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने अपना दबदबा कायम करते हुए अपने आपको शीर्ष नेताओं में शामिल कर लिया.

Garhwal MP Anil Baluni
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी (Photo-ETV Bharat)

अनिल बलूनी पर जताया भरोसा: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान दांव खेला और त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद बन गए. जबकि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रहे, इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल लोक सभा सीट से पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत की जगह साल 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा आलाकमान ने पूर्व राज्यसभा सांसद रहे अनिल बलूनी पर भरोसा जताया और अनिल बलूनी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद बन गए.

Garhwal MP and Haridwar MP
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत (Photo-ETV Bharat)

तीन सीटों पर पुराने चेहरों पर खेला दांव: हालांकि, बाकी बचे तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा ने पूर्व लोकसभा सांसद को ही टिकट दिया. जिसमें अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सांसद रहे अजय टम्टा पर भाजपा आलाकमान ने फिर से भरोसा जताते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित किया. अजय टम्टा ने भारी बहुमत के साथ चुनाव जीते. इसी तरह उधमसिंह नगर नैनीताल लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद अजय भट्ट पर दोबारा से भाजपा ने दांव खेला और एक बार फिर अजय भट्ट की लोकसभा सांसद के रूप में ताजपोशी हुई. टिहरी लोकसभा सीट पर कई बार सांसद रह चुकी माला राज्य लक्ष्मी शाह को ही उम्मीदवार चुना गया. माला राज्य लक्ष्मी शाह एक बार फिर लोकसभा सांसद चुनी गई.

Rajya Sabha MP Mahendra Bhatt
राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट (Photo-ETV Bharat)

महेंद्र भट्ट को भेजा गया राज्यसभा: साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर जहां एक ओर भाजपा नेताओं ने तीसरी बार लगातार बाजी मारी है. वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की भी लॉटरी लगी, क्योंकि, भाजपा आलाकमान ने महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेजा. इसके पीछे की एक वजह यह भी रही कि साल 2022 में हुई विधानसभा चुनाव के दौरान महेंद्र भट्ट, बदरीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के कार्यकाल में भाजपा पार्टी को मिली बड़ी जीत के चलते भाजपा अलग अमन ने महेंद्र भट्ट को राज्यसभा सांसद का तोहफा दिया.

Asha Nautiyal became MLA from Kedarnath
केदारनाथ से आशा नौटियाल बनी विधायक (Photo-ETV Bharat)

बदरीनाथ सीट पर बीजेपी का कब्जा: साल 2024 में उत्तराखंड राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें मंगलौर, बदरीनाथ और केदारनाथ विधानसभा सीट शामिल है. मंगलौर विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी शरबत करीम अंसारी विधायक चुने गए थे, लेकिन उनके निधन के बाद साल 2024 में हुए उप चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन के सिर पर जीत का ताज सजा, जबकि 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान उनका हार का सामना करना पड़ा था. यानी इस साल 2024 कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है. मंगलौर, बदरीनाथ की सीट कांग्रेस की झोली में गई, जबकि केदारनाथ सीट बीजेपी ने झटक ली.

Mangaluru Congress MLA Qazi Mohammed Nizamuddin
मंगलौर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन (Photo-ETV Bharat)

बदरीनाथ सीट लखपत बुटोला ने जीती: बदरीनाथ विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी बतौर विधायक चुने गए थे. लेकिन करीब 2 साल के बाद ही लोकसभा चुनाव से पहले राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए, जिसके चलते बदरीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया. हालांकि, इस उप चुनाव में साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी महेंद्र भट्ट की जगह कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र भंडारी को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया. लेकिन इस उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोला विधायक चुने गए. यानी साल 2024 में कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला की सियासी किस्मत चमकी.

Badrinath Congress MLA Lakhpat Singh
बदरीनाथ कांग्रेस विधायक लखपत सिंह (Photo-ETV Bharat)

आशा नौटियाल की चमकी किस्मत: केदारनाथ विधानसभा सीट पर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत बतौर विधायक चुनी गई थी. लेकिन भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विधानसभा सीट पर साल 2024 में उपचुनाव कराया गया. इस दौरान भाजपा ने केदारनाथ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक एवं भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल पर भरोसा जताया. हालांकि, उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन के बाद राजनीतिक सियासत गरमा गई थी. बावजूद इसके भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को मात देते हुए विधायक चुनी गई.

निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी: साल 2024 का चुनाव के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि साल 2023 में नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के करीब एक साल के बाद 23 दिसंबर को नगर निकाय चुनाव संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई. हालांकि, नगर निकाय चुनाव संबंधित राजनीतिक सरगर्मियां प्रदेश में पहले ही प्रदेश में शुरू हो गई थी. लेकिन नगर निकाय संबंधित सूचना जारी होने के बाद ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. क्योंकि, 27 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकन करने की तिथि रखी गई है. यही वजह है कि प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया को तेज कर दिया.

2024 में कई नेताओं का बड़ा कद: कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरण के इतिहास से साल 2024 बेहद खास रहा है. क्योंकि साल 2024 की शुरुआत में ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां प्रदेश में देखी गई, तो वहीं, साल 2024 समाप्त होने के दौरान नगर निकाय चुनाव की सरगर्मियां देखी जा रही हैं. यानी साल के शुरुआत और साल के अंत में उत्तराखंड राज्य में राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दिए हैं. हालांकि नगर निकाय चुनाव के नतीजे आगामी नए वर्ष 2025 में सामने आएंगे. लेकिन राजनीतिक समीकरण के लिहाज से साल 2024 के दौरान कई नेताओं का सियासी कद बढ़ा है तो कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिली.

बीजेपी नेता महेंद्र भट्ट ने क्या कहा: वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि साल 2024 सिर्फ व्यक्तिगत लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं रहा, बल्कि यह साल राजनीतिक समीकरण के साथ ही तमाम महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए भी ऐतिहासिक रहा है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में लोगों का जनादेश देश के विकास के लिए आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार भाजपा की सरकार केंद्र में बनी. इसके अलावा साल 2024 इस वजह से भी और महत्वपूर्ण हो गया है. क्योंकि प्रदेश के सीमांत क्षेत्र से एक नेता को राज्यसभा सांसद बनाया गया. इसके अलावा, उत्तराखंड के देवतुल्य स्वरूप को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने तमाम ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं. इसमें साल 2024 के दौरान देश के भीतर उत्तराखंड में एक नजीर देने का काम किया है.

हार से कांग्रेस हताश नहीं: वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चुनाव के दौरान बहुत सारे लोग चुनावी मैदान में उतरते हैं लेकिन जीत एक व्यक्ति की होती है. उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटें हैं और एक जमाना ऐसा था, जब पांचों लोकसभा की सीटें कांग्रेस के पास थी. लेकिन आज एक भी सीट कांग्रेस के पास नहीं है. राजनीति में उतार-चढ़ाव चलता रहता है, लेकिन इस हार से कांग्रेस के नेता कभी हताश नहीं हुए, बल्कि चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस नेता जनता की सेवा में लगे रहते हैं. साथ ही कहा कि उत्तराखंड के अंदर कांग्रेस के लिए अपार संभावनाएं हैं, ऐसे में कांग्रेस और कांग्रेस से कार्यकर्ता हमेशा उत्तराखंड के लिए समर्पित रहेंगे.
पढ़ें-2024 में 8000 पदों के लिए हुये एग्जाम, हजारों युवाओं को मिली नौकरी, जानें और क्या रहा खास

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