जैसलमेर : देश की पश्चिमी छोर पर बसे राजस्थान के सरहदी जैसलमेर जिले से लगती भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक भारत ने अपनी तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का परीक्षण किया. यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा. जैसलमेर में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में इस मिसाइल के तीन परीक्षण किए गए. इन तीनों परिक्षणों में मिसाइल ने पूरी सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को ध्वस्त किया. इस परीक्षण के दौरान भारतीय सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि अब यह मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर प्रहार करती है, यानी 4 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को 17 से 18 सेकंड में नेस्तनाबूद कर देती है.
300 करोड़ की लागत से तैयार :सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह नाग मिसाइल को डीआरडीओ ने 300 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया है. इसका पहला सफल परीक्षण 1990 में किया गया था. जुलाई 2019 में पोकरण फायरिंग रेंज में भी इसका परीक्षण किया गया था. इसके अलावा 2017, 2018 और 2019 में भी अलग-अलग ट्रायल किए गए, जिनमें हर बार नई तकनीक जोड़ी गई. वहीं, सूत्रों ने बताया कि ये मिसाइल डीआरडीओ के एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम का हिस्सा है. यह दुश्मन के टैंकों के खिलाफ भारत की ताकत को कई गुना बढ़ाएगी और सेना को आधुनिक तकनीकों से लैस करेगी.