मेरठ/शामली:शामली में सोमवार की रात हुए एनकाउंटर के दौरान घायल हुए एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनकी शहादत ने पूरे पुलिस विभाग को गमगीन कर दिया है. मेरठ के रहने वाले सुनील कुमार के पेट में तीन गोलियां लगी थीं, जिनमें से एक गोली उनके लीवर को पार कर पीठ में अटक गई थी. डॉक्टरों को ऑपरेशन के दौरान उनका गाल ब्लैडर निकालना पड़ा और बड़ी आंत का कुछ हिस्सा भी हटाना पड़ा. उनकी हालत अत्यंत गंभीर थी, जिसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.
सीएम ने 50 लाख रुपये और नौकरी देने की घोषणा कीःवहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुनील कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक सड़क का नामकरण कुमार के नाम पर करने की भी घोषणा की है. इसके साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
एनकाउंटर में 4 अपराधियों को किया था ढेरःबता दें कि झिंझाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में एसटीएफ ने एक लाख के इनामी बाहड़ी माजरा सहारनपुर निवासी अरशद समेत चार कुख्यात बदमाशों को ढेर कर दिया था. यह गिरोह लंबे समय से पुलिस के रडार पर था. इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस और अपराधियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई थी. इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने इस मुठभेड़ में अग्रिम पंक्ति में रहकर नेतृत्व किया. इसी दौरान बदमाशों की गोली के शिकार हो गए थे. गंभीर रूप से घायल इंस्पेक्टर के लिए गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
ठोकिया एनकाउंटर से मिली थी पहचानःबता दें कि सुनील कुमार ने अपने करियर में कई साहसिक कार्रवाइयों को अंजाम दिया था. ठोकिया एनकाउंटर के दौरान उनके अदम्य साहस और बहादुरी के लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल से सब-इंस्पेक्टर बनाया गया था. उनका यह पराक्रम पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है.
महकमे में शोक की लहरःइंस्पेक्टर मेरठ के इंचोली थाना क्षेत्र के मसूरी गांव के रहने वाले सुनील कुमार की शहादत की खबर से महकमे में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके सहकर्मी और अधिकारी उनके निधन को विभाग के लिए अपूरणीय क्षति मान रहे हैं. उनके परिजनों और सहयोगियों ने उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को याद करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. एसपी शामली रामसेवक गौतम ने बताया कि इंस्पेक्टर की मौत की सूचना के बाद एक टीम को गुरुग्राम भेजा गया है.
1990 को यूपी पुलिस में हुए थे भर्तीःइंस्पेक्टर के घायल होने के बाद से ही उनके गांव मसूरी में उनके रिश्तेदार हालचाल जानने पहुंचने लगे थे. सुनील के शहादत से कुछ देर पहले ईटीवी भारत से सुनील के परिजनों ने खास बातचीत की थी. सुनील के बड़े भाई अनिल कुमार काकरान किसान हैं. गांव में संयुक्त परिवार में सभी एक साथ रहते हैं. अनिल ने बताया कि सुनील सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे. एसटीएफ बनने पर 1997 में सुनील काकरान मानेसर में कमांडो कोर्स किये थे. जिसके बाद सन 2009 जनवरी में स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए थे. सुनील कुमार को 2002 में विभाग ने हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नत किया था.