वडोदरा/अमरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन सरकार के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
इससे पहले स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज पीएम मोदी संग वडोदरा में रोड शो में शामिल हुए. इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी है. बता दें, पेड्रो सांचेज आज सोमवार तड़के गुजरात के वडोदरा पहुंचे. सांचेज का विमान वडोदरा हवाई अड्डे पर रात करीब 1.30 बजे उतरा. वह भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं. स्पेन लौटने से पहले मंगलवार को उनका मुंबई जाने का कार्यक्रम है.
जानकारी के मुताबिक सांचेज सोमवार सुबह यहां टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) सुविधा का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे. हवाई अड्डे से टाटा सुविधा तक 2.5 किलोमीटर के रोड शो के दौरान रास्ते में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. दोनों नेता ऐतिहासिक लक्ष्मी विलास पैलेस भी जाएंगे, जहां वे विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
अधिकारियों ने बताया कि वे अपने गंतव्यों के लिए रवाना होने से पहले महल में दोपहर का भोजन करेंगे. विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए उनके कार्यक्रम के अनुसार सांचेज बुधवार को लगभग 12.30 बजे स्पेन के लिए रवाना होंगे.
वडोदरा में सांचेज और पीएम मोदी संयुक्त रूप से टीएएस (TAS) द्वारा C-295 विमान निर्माण के लिए परिसर का उद्घाटन करेंगे. ये भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन है. एक समझौते के तहत वडोदरा सुविधा में 40 विमान बनाए जाएंगे, जबकि विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरबस 16 विमान वितरित करेगी. टीएएसएल भारत में इन 40 विमानों को बनाने के लिए जिम्मेदार है और यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन (एफएएल) होगी.
इसमें विनिर्माण से लेकर परीक्षण और योग्यता तथा विमान के सम्पूर्ण जीवन चक्र की डिलीवरी और रखरखाव तक सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण विकास शामिल होगा. टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत डायनेमिक्स जैसी अग्रणी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे. पीएम मोदी ने अक्टूबर 2022 में वडोदरा फाइनल असेंबली लाइन की आधारशिला रखी थी.
पीएम मोदी और पीएम सांचेज ने रोका काफिला, जानें वजह
टाटा एयरबस फैक्ट्री का उद्घाटन करने वडोदरा पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ के स्वागत में आयोजित रोड शो में एक खास कार्यक्रम देखने को मिले. शहर की एक दिव्यांग छात्रा से मिलने के लिए इन दोनों गणमान्य लोगों ने अपना काफिला रुकवाया और नीचे उतरकर इस दिव्यांग लड़की से मुलाकात की.
एमएस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्रा दीया गोसाई एक बेहतरीन चित्रकार हैं. उन्होंने अपने परिवार के साथ यहां आए दोनों प्रधानमंत्रियों की तस्वीरों को फ्रेम कराया. जिसे दोनों महानुभावों ने सहर्ष स्वीकार किया और शुभकामनाएं दीं. इस दौरान सांसद डाॅ. हेमांगभाई जोशी भी उनके साथ रहे. रोड शो का कारवां इधर से गुजरने के दौरान दोनों प्रधानमंत्री की नजर इस लड़की पर पड़ी. इसलिए ये पूरा कारवां रोक दिया गया. दोनों नेता अपनी गाड़ी से उतरकर इस दिव्यांग छात्रा से मिलने गए.
अमरेली में पीएम मोदी ने किया गुजरात के बंदरगाहों के लिए खास प्लान का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात का दौरा किया. यहां उन्होंने स्पेन के पीएम के साथ संयुक्त रूप से वडोदरा में पहली विमान इकाई का उद्घाटन किया. इसके बाद वह अमरेली पहुंचे. यहां उन्होंने 4800 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अमरेली के इतिहास, पानी को लेकर गुजरात की पुरानी स्थिति के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह दो दिन बाद गुजरात वापस आ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने भविष्य में गुजरात के बंदरगाहों को देश के बंदरगाहों से जोड़ने की अपनी योजना के बारे में भी बात की.
पीएम मोदी ने कहा कि यह समय मंगल कार्यों का है, एक तरफ संस्कृति का पर्व है, दूसरी तरफ विकास का पर्व है. यह भारत की नई छाप है. विरासत और विकास, साझाकरण जारी है. उन्होंने कहा कि उद्घाटन में हमारी वायु सेना के लिए 'मेड इन इंडिया' विमान निर्माण कारखाने का उद्घाटन भी शामिल था, और यहां आकर भारत माता झील का शुभारंभ करने का अवसर मिला. यहां के मंच से जल, सड़क, रेलवे की कई दूरगामी लाभ वाली परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया. ये सभी प्रोजेक्ट सौराष्ट्र और कच्छ के लोगों का जीवन आसान बनाने वाले और विकास को नई गति देने वाले प्रोजेक्ट हैं.
पीएम ने कहा कि जब से गुजरात में बीजेपी सरकार आई है, हमने पानी को प्राथमिकता दी है. 80-20 योजना द्वारा जनभागीदारी की गई। चेक डैम बनाएं, खेत तालाब बनाएं, तालाबों को गहरा करें, जल मंदिर बनाएं, वावडी खोदें. मुझे याद है जब मैं मुख्यमंत्री के रूप में अखिल भारतीय बैठकों में जाता था और वहां बजट का एक बड़ा हिस्सा हमारे गुजरात में पानी के लिए खर्च करना पड़ता था. उस समय कई राज्यों के मुख्यमंत्री मेरी तरफ देख रहे थे. मैंने उनसे कहा कि मेरे गुजरात में इतने पानीदार लोग हैं, एक बार हमें पानी मिल जाए तो मेरा पूरा गुजरात पानीदार हो जाएगा. ये ताकत मेरे गुजरात में है. और 80-20 योजना में लोग जुड़े, समाज, गांव सभी शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि हमने 20 नदियों को नर्मदा नदी से जोड़ा. और हमारे मन में नदियों में छोटे-छोटे तालाब बनाने का विचार आया। तो हम मीलों तक पानी बचा सकते हैं. गुजरात, सौराष्ट्र या कच्छ के लोगों को पानी का महत्व सिखाने की जरूरत नहीं है। वह अपनी समस्या ठीक-ठीक जानता है. हमें वह समय याद है जब पूरा सौराष्ट्र-कच्छ पानी की कमी के कारण पलायन कर रहा था और शहरों में एक-एक कमरे में 8-8 लोग रहकर गुजारा करने को मजबूर थे. हमने वो दिन देखे हैं. आज हमने पानी के लिए काम किया है और देश में पहली बार जल शक्ति मंत्रालय बनाया है.
उन्होंने कहा कि हमने गांव-गांव अमृत सरोवर बनाने की योजना बनाई. प्रत्येक जिले में 75 अमृत झीलें. मुझे जो अंतिम जानकारी मिली, लगभग 75000 स्थानों पर किसी न किसी तालाब का निर्माण पूरा हो चुका है. 60 हजार से ज्यादा झीलें आज भी पानी से भरी हुई हैं. अगली पीढ़ी की सेवा के लिए बहुत अच्छा काम किया गया है.
बारिश के पानी को बचाने का अभियान चलाया गया पानी बचाने के अभियान के बारे में उन्होंने कहा, जब हम दिल्ली गए तो 'कैच द रेन' अभियान चलाया, यहां का अनुभव हमारे काम आया. इसकी सफलता एक बड़ी मिसाल बन गई है. गुजरात के साथ-साथ देश के कई राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार ने भी जनभागीदारी से हजारों रिचार्ज कुओं का निर्माण शुरू कर दिया है.
महात्मा गांधी के घर में 200 साल पुरानी पानी की टंकी के बारे में उन्होंने कहा, दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां बहुत कम बारिश होती है, लेकिन वे पानी बचाते हैं और बचाए हुए पानी से काम चलाते हैं. अगर आप कभी पोरबंदर महात्मा गांधी के घर जाएं तो आपको जमीन के अंदर 200 साल पुराना जल भंडारण टैंक मिलेगा. पानी के महत्व को हमारे लोग 200-200 वर्ष पहले से ही परख चुके हैं. अमरेली के केसर आम को अब जीआई टैग मिल गया है. हालोल में प्राकृतिक खेती विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है, जिसके तहत प्राकृतिक खेती का पहला कॉलेज हमारे अमरेली में आया है.
सूर्य घर योजना के लिए देश में 1.5 करोड़ रजिस्ट्रेशन पीएम ने कहा, सूर्य घर योजना से हर परिवार को सालाना 25 से 30 हजार रुपये की बचत हुई है. अब तक 1.5 करोड़ परिवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. गुजरात में 2 लाख घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पानी और पर्यटन का सीधा संबंध है. जहां पानी है वहां पर्यटन आता है। हमने पानी के लिए सरदार सरोवर बांध बनाया। हमने इसमें वैल्यू एड किया, सरदार साहब की प्रतिमा स्थापित की. आज लाखों लोग इस प्रतिमा को देखने आये हैं, लगभग 50 लाख लोग नर्मदा के दर्शन करने आए हैं.
आगे उन्होंने कहा कि अब हमारी योजना गुजरात के बंदरगाहों को देश के सभी बंदरगाहों से जोड़ने की है. गरीबों के लिए बिजली, घर, गैस पाइपलाइन, टेलीफोन के तार, ऑप्टिकल फाइबर, ये सभी बुनियादी ढांचे के काम, अस्पताल और हमारे तीसरे कार्यकाल में, 60 साल के बाद, देश ने किसी प्रधान मंत्री को तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है.