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अन्याय जारी रहा तो दक्षिणी राज्य 'अलग देश' की मांग को मजबूर होंगे : सांसद डीके सुरेश

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2024, 8:13 PM IST

MP Suresh separate country statement : कांग्रेस सांसद डीके. सुरेश ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत की तर्ज पर भेदभाव किया जाता है. उन्होंने कहा, 'यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश को बांटना पड़ेगा.' उनकी पार्टी ने भी बयान से पल्ला झाड़ लिया है.

MP Suresh
सांसद डीके सुरेश

नई दिल्ली: बेंगलुरु ग्रामीण सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कहा कि अगर केंद्र ने उनके लिए धन जारी नहीं करने की प्रवृत्ति जारी रखी तो देश के दक्षिणी राज्य एक अलग देश की मांग उठाएंगे.

लोकसभा में केंद्रीय बजट-2024 पेश होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने केंद्र पर दक्षिण भारतीय राज्यों को फंड जारी नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 'केंद्र दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का उचित हिस्सा नहीं दे रहा है. दक्षिण भारतीय राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है. दक्षिणी राज्यों से इकट्ठा किया गया पैसा उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम अलग देश की मांग करने पर मजबूर हो जाएंगे.'

डीके सुरेश ने कहा कि 'केंद्र को हमसे 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक मिल रहे हैं और बदले में हमें जो मिल रहा है वह नगण्य है. हमें इस पर सवाल उठाना होगा. अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो सभी दक्षिणी राज्यों को अलग राष्ट्र की मांग को लेकर आवाज उठानी पड़ेगी.'

इस पर टिप्पणी करते हुए डीके सुरेश के भाई और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में कहा, 'मैं यूनाइटेड इंडिया से हूं. डीके सुरेश ने अभी लोगों की राय और अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं. भारत को एक होना चाहिए. कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब एक जैसे हैं. केंद्र सरकार को सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए.'

साधा निशाना :कांग्रेस नेता अपने बयान पर घिर गए हैं. कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा, 'एक तरफ राहुल गांधी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाल रहे हैं दूसरी तरफ सांसद और केपीसीसी प्रमुख डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने 'भारत तोड़ो' का आह्वान किया. यह कांग्रेस की वही मानसिकता है, जिसके कारण विभाजन हुआ.'

आर. अशोक ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश से यह भी पूछा कि यदि एक निर्वाचित सांसद जिसने संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की शपथ ली है, लेकिन भारत को विभाजित करने का आह्वान करते हैं तो क्या यह उनकी शपथ का उल्लंघन नहीं है? उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा कि क्या यह बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान नहीं है?

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