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सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब - SC issues notice to delhi govt - SC ISSUES NOTICE TO DELHI GOVT

Soumya murder case : सुप्रीम कोर्ट ने टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड से जुड़े मामले में सुनवाई की. शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिका सौम्या की मां की ओर से दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने आरोपियों की जमानत को चुनौती दी थी.

Soumya murder case
सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड

By Sumit Saxena

Published : Apr 22, 2024, 3:20 PM IST

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया. सौम्या विश्वनाथन की मां ने 2008 में उनकी बेटी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार लोगों को दी गई जमानत को चुनौती दी है.

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने चारों दोषियों और दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा. शुरुआत में पीठ इस मामले में नोटिस जारी करने के लिए इच्छुक नहीं थी; हालांकि याचिकाकर्ता के वकील ने जोर देकर कहा कि इस मामले पर शीर्ष अदालत को ध्यान देने की आवश्यकता है.

'उसे बिना किसी कारण मारा गया' :सौम्या की मां के वकील ने कहा, उनकी मुवक्किल की बेटी काम से वापस आ रही थी और बिना किसी कारण के उसे गोली मार दी गई 'वह निर्दोष थी...' उन्होंने कहा कि आरोपी एक आपराधिक सिंडिकेट का हिस्सा हैं. पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी किया जाए, जिसका चार सप्ताह बाद जवाब दिया जाए.'

ये है मामला :टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां माधवी विश्वनाथन ने 2008 में उनकी बेटी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे चार दोषियों को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 को तड़के दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह अपनी कार से घर लौट रही थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 फरवरी को आरोपियों को जमानत देते हुए कहा था कि दोषी 14 साल से हिरासत में हैं.

हाईकोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार की सजा को निलंबित कर दिया और उनकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपीलों के लंबित होने तक उन्हें जमानत दे दी.

नवंबर 2023 में एक विशेष अदालत ने उन चार आरोपियों को दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धारा 3(1)(i) (संगठित अपराध करना जिसके परिणामस्वरूप किसी की मौत हो) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सजाएं 'लगातार' चलेंगी. पांचवें दोषी अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत तीन साल की साधारण कैद की सजा सुनाई थी.

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