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हिंसा के बीच मणिपुर के विधायकों की केंद्र से मांग, 13 और क्षेत्रों में लगाया जाए AFSPA

मणिपुर विधानसभा के 10 विधायकों ने अरामबाई तेंगगोल और मीतेई लीपुन को गैरकानूनी संगठन घोषित करने की मांग की है.

मणिपुर
मणिपुर (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 10 hours ago

नई दिल्ली: मणिपुर विधानसभा के 10 मौजूदा विधायकों ने केंद्र सरकार से संपर्क किया. इस दौरान इन विधायकों ने इंफाल घाटी के बाकी 13 पुलिस क्षेत्रों में भी आर्म फोर्स स्पेशल (पावर) एक्ट (AFSPA) को बढ़ाने की मांग की है, ताकि 3 मई 2023 से मैतेई मिलिशिया द्वारा लूटे गए 6000 से अधिक अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी की जा सके.

हमार कुकी जो (Hmar Kuki Zo) समुदाय के मौजूदा विधायकों ने अपने प्रस्ताव में कहा, "14 नवंबर 2024 के आदेशों के अनुसार AFSPA को लागू करने की तत्काल समीक्षा की आवश्यकता है, ताकि मणिपुर/इंफाल घाटी के शेष 13 पुलिस क्षेत्रों में अधिनियम का विस्तार किया जा सके. साथ ही 3 मई 2023 से मैतेई मिलिशिया द्वारा लूटे गए 6000 से अधिक अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए जा सकें."

गैरकानूनी संगठन घोषित करने की मांग
यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मणिपुर के पांच जिलों में AFSPA को फिर से लागू करने के कुछ दिनों बाद हुआ है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अरमबाई टेंगोल और मीतेई लीपुन (दोनों मीतेई नागरिक समाज संगठन) को गैरकानूनी संगठन घोषित किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि प्रस्ताव की कॉपी ईटीवी भारत के पास मौजूद है.

प्रस्ताव में दावा किया गया है कि छह निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार अरम्बाई टेंगोल और मीतेई लीपुन संगठनों को संबंधित कानूनों के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया जाना चाहिए.

एक समुदाय के खिलाफ अभियान चलाना पक्षपातपूर्ण
प्रस्ताव में दावा किया गया है कि सुरक्षा एजेंसियों ने एक खास समुदाय के खिलाफ अभियान शुरू किया है. केवल एक समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करना पक्षपातपूर्ण है. सभी मिलिशिया समूहों से सभी अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाना चाहिए.

10 विधायकों के इस प्रस्ताव में कहा गया है, "छह नागरिकों की मौत से संबंधित मामलों को एनआईए को सौंपने की मांग करने वाला प्रस्ताव भी सांप्रदायिक राज्य की ओर इशारा करता है. हम मांग करते हैं कि 3 मई 2023 से घाटी और पहाड़ियों दोनों में सभी नागरिक हत्याओं की जांच एनआईए को सौंपी जाए."

इसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकार को अशांत क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के लिए राजनीतिक बातचीत शुरू करके मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए. प्रस्ताव पर हाओखोलेट किपगेन, नेमचा किपगेन, पाओलिएनलाल हाओकिप, लेटजमंग हाओकिप, किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग, लेटपाओ हाओकिप, नगुर्सांगलुर सनाटे, एलएम खाउते, चिनलुनथांग और वुंगज़ागिन वाल्टे ने हस्ताक्षर किए हैं.

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