प्रयागराज: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर दाखिल 18 मुकदमों में गुरुवार को भी सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी नहीं होने पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 7 मई की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने दिया.
गुरुवार को हिंदू पक्ष की ओर से सूट संख्या चार पर बहस करते हुए वादी आशुतोष पांडेय ने कहा कि कटरा केशव देव और जन्मभूमि की पूरी जमीन भगवान श्री कृष्णा विराजमान की है. इसके वक्फ संपत्ति होने का दावा पूरी तरीके से बेबुनियाद है. वक्फ बोर्ड के पास इस संपत्ति से संबंधित एक भी दस्तावेज नहीं है. उन्होंने कहा कि वक्फ सिर्फ उन संपत्तियों की देखभाल करने का अधिकारी है, जो उसे दान में मिली है.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन वक्फ बोर्ड को कब दान में दी गई, इसका एक भी दस्तावेज उनके पास नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों, नगर निगम के रिकॉर्ड आदि सब जगह श्री कृष्ण जन्मभूमि का ही कब्जा और दखल है. सारे टैक्स व बिजली का बिल आदि भी जन्मभूमि ट्रस्ट ही अदा करता है.
आशुतोष पांडे ने कोर्ट को बताया कि शाही ईदगाह मस्जिद द्वारा फर्जी बिजली कनेक्शन लेकर सरकार को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया है. इसकी जांच रिपोर्ट संलग्न की गयी है. इनके ऊपर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया गया है. क्योंकि पूरी संपत्ति में कहीं भी इनका नाम नहीं है. पांडेय ने कहा कि अगर यह वक्फ संपत्ति होती, तो वहां मुतवल्ली नियुक्त होता जिसे वेतन मिलता है, मगर यहां कोई मुतवल्ली नियुक्त नहीं है.