सीमावर्ती गांवों से कैसे थमेगा पलायन? अमित शाह ने बताया ये बड़ा प्लान - Shah On border villages
VIBRANT VILLAGES PROGRAMME: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश के सीमांत गांवों के चहुंमुखी विकास के प्रति कटिबद्ध है. अमित शाह ने कहा कि सीमांत गांवों से पलायन रोकने के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं और गावों के साथ संपर्क बढाएं.
नई दिल्ली में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के कार्यान्वयन पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लेते केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह. (PIB)
नई दिल्ली: इस तथ्य से अवगत होते हुए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोग बेहतर आजीविका के लिए अपने गांव छोड़ देते हैं, गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और सीमावर्ती गांवों से प्रवास को रोकने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
नई दिल्ली में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के कार्यान्वयन पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि सीमावर्ती गांवों के आसपास तैनात सीएपीएफ और सेना को सहकारी समितियों के माध्यम से स्थानीय कृषि और हस्तशिल्प उत्पादों की खरीद को प्रोत्साहित करना चाहिए.
नई दिल्ली में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' के कार्यान्वयन पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में हिस्सा लेते केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह. (PIB)
उन्होंने कहा कि आस-पास के गांवों के निवासियों को सेना और सीएपीएफ के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए. गांवों में सौर ऊर्जा और पवन चक्कियों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया जाना चाहिए.
बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. शाह ने वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गांवों के मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों की ओर से किए जा रहे प्रयासों को जारी रखने का निर्देश दिया.
अब तक इन सीमावर्ती गांवों में 6000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें लगभग 4000 सेवा वितरण और जागरूकता शिविर शामिल हैं. इन गांवों में रोजगार सृजन के लिए भारत सरकार की ओर से 600 से अधिक परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं.
बैठक के दौरान गृह मंत्री ने लंबित मुद्दों के निपटारे के लिए नियमित अंतराल पर उच्चतम स्तर पर समीक्षा पर विशेष जोर दिया. 'वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम' योजना के तहत 2,420 करोड़ रुपये की लागत से 113 बारहमासी सड़क परियोजनाओं के माध्यम से 136 सीमावर्ती गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है. इन इलाकों में 4जी कनेक्टिविटी पर तेजी से काम किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सभी गांवों को 4जी नेटवर्क से जोड़ना है.
बैठक में बताया गया कि इन सभी गांवों में वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं और वहां इंडिया पोस्ट-पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) की भी सुविधा दी जा रही है. इन वाइब्रेंट विलेजेज में जीवंतता लाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिस्ट सर्किट विकसित करने का काम किया जा रहा है. इस प्रयास में पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से क्षमता निर्माण और पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है.
महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेजेज योजना पिछले साल 14 फरवरी को 4800 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ शुरू की गई थी. नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, सीमा प्रबंधन सचिव और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सहित गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.