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सीसीआई जांच: जोमैटो, स्विगी ने कहा कि वे प्रतिस्पर्धा कानून का पालन करने को प्रतिबद्ध - ANTI COMPETITIVE PRACTICES

जोमैटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, सीसीआई ने चार अप्रैल 2022 को एक 'प्रथम दृष्टया' आदेश जारी किया था.

ANTI COMPETITIVE PRACTICES
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)
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By PTI

Published : Nov 11, 2024, 1:19 PM IST

नई दिल्ली: प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों के लिए सीसीआई की जांच का सामना कर रहे ऑनलाइन खाद्य आपूर्ति मंच जोमैटो ने दावा किया है कि वह देश के कानूनों का अनुपालन करती है, जबकि स्विगी का कहना है कि वह स्थानीय नियमों का अनुपालन करने को प्रतिबद्ध है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच पर दोनों कंपनियों ने मीडिया की उन खबरों को 'भ्रामक' करार दिया जिसमें जोमैटो और स्विगी द्वारा कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित तरजीह देने की बात कही गई है. दोनों मंचों ने कहा कि सीसीआई ने अनुचित व्यापार प्रथाओं के मामले पर अभी तक अपना अंतिम आदेश पारित नहीं किया है.

जोमैटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, सीसीआई ने चार अप्रैल 2022 को एक 'प्रथम दृष्टया' आदेश जारी किया था, जिसमें आयोग के महानिदेशक के कार्यालय को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत संभावित उल्लंघनों की जांच करने का निर्देश दिया गया.

कंपनी ने कहा, पांच अप्रैल 2022 की सूचना के बाद से आयोग ने गुण-दोष के आधार पर कोई आदेश पारित नहीं किया है. जोमैटो ने सूचना में कहा कि तदनुसार, उपर्युक्त खबर भ्रामक है. हम आयोग के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि हमारी सभी प्रथाएं प्रतिस्पर्धा अधिनियम के अनुरूप हैं. उनका भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

दूसरी ओर स्विगी ने बयान में कहा, उसके खिलाफ सीसीआई की जांच से जुड़ी मीडिया की खबर जांच प्रक्रिया और अंतिम परिणाम को भ्रमित करती हैं. बयान के अनुसार, सीसीआई के पांच अप्रैल 2022 के आदेश के आधार पर महानिदेशक ने हमारे व्यवसाय के संचालन के कुछ पहलुओं की जांच की. इसकी जांच तथा मार्च 2024 की रिपोर्ट सीसीआई द्वारा जारी जांच में एक प्रारंभिक कदम है, न कि अंतिम निर्णय जैसा कि कुछ खबरों में दावा किया गया है.

कंपनी ने कहा कि महानिदेशक के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए उसे अभी तक सीसीआई से निष्कर्षों का गोपनीय विवरण नहीं मिला है. उसने कहा कि एक बार जब स्विगी अपना जवाब दे देगी और सीसीआई इस मामले पर सुनवाई करेगी... फिर सीसीआई इस पर अपना निर्णय पारित करेगी कि क्या कोई प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन हुआ या नहीं. वर्तमान में यह प्रारंभिक चरण में है और 2022 से स्विगी की प्रथाओं के संबंध में कोई अंतिम निर्णय या आदेश जारी नहीं किया गया है.

स्विगी ने कहा कि वह जांच में पूर्ण सहयोग कर रही है और देश के मौजूदा कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सीसीआई की जांच में पाया गया कि दोनों खाद्य आपूर्ति मंच अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त हैं जिसमें कुछ भागीदार रेस्तरों को कथित रूप से तरजीह देना भी शामिल है.

सीसीआई ने अप्रैल 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था और जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी. मानदंडों के तहत सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में, उन्हें नियामक द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. सभी की राय और स्पष्टीकरण एकत्र करने के बाद नियामक अंतिम आदेश पारित करेगा. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की शिकायत के बाद दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया था.

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नई दिल्ली: प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों के लिए सीसीआई की जांच का सामना कर रहे ऑनलाइन खाद्य आपूर्ति मंच जोमैटो ने दावा किया है कि वह देश के कानूनों का अनुपालन करती है, जबकि स्विगी का कहना है कि वह स्थानीय नियमों का अनुपालन करने को प्रतिबद्ध है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच पर दोनों कंपनियों ने मीडिया की उन खबरों को 'भ्रामक' करार दिया जिसमें जोमैटो और स्विगी द्वारा कुछ रेस्तरां भागीदारों को कथित तरजीह देने की बात कही गई है. दोनों मंचों ने कहा कि सीसीआई ने अनुचित व्यापार प्रथाओं के मामले पर अभी तक अपना अंतिम आदेश पारित नहीं किया है.

जोमैटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, सीसीआई ने चार अप्रैल 2022 को एक 'प्रथम दृष्टया' आदेश जारी किया था, जिसमें आयोग के महानिदेशक के कार्यालय को प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत संभावित उल्लंघनों की जांच करने का निर्देश दिया गया.

कंपनी ने कहा, पांच अप्रैल 2022 की सूचना के बाद से आयोग ने गुण-दोष के आधार पर कोई आदेश पारित नहीं किया है. जोमैटो ने सूचना में कहा कि तदनुसार, उपर्युक्त खबर भ्रामक है. हम आयोग के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि हमारी सभी प्रथाएं प्रतिस्पर्धा अधिनियम के अनुरूप हैं. उनका भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है.

दूसरी ओर स्विगी ने बयान में कहा, उसके खिलाफ सीसीआई की जांच से जुड़ी मीडिया की खबर जांच प्रक्रिया और अंतिम परिणाम को भ्रमित करती हैं. बयान के अनुसार, सीसीआई के पांच अप्रैल 2022 के आदेश के आधार पर महानिदेशक ने हमारे व्यवसाय के संचालन के कुछ पहलुओं की जांच की. इसकी जांच तथा मार्च 2024 की रिपोर्ट सीसीआई द्वारा जारी जांच में एक प्रारंभिक कदम है, न कि अंतिम निर्णय जैसा कि कुछ खबरों में दावा किया गया है.

कंपनी ने कहा कि महानिदेशक के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए उसे अभी तक सीसीआई से निष्कर्षों का गोपनीय विवरण नहीं मिला है. उसने कहा कि एक बार जब स्विगी अपना जवाब दे देगी और सीसीआई इस मामले पर सुनवाई करेगी... फिर सीसीआई इस पर अपना निर्णय पारित करेगी कि क्या कोई प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन हुआ या नहीं. वर्तमान में यह प्रारंभिक चरण में है और 2022 से स्विगी की प्रथाओं के संबंध में कोई अंतिम निर्णय या आदेश जारी नहीं किया गया है.

स्विगी ने कहा कि वह जांच में पूर्ण सहयोग कर रही है और देश के मौजूदा कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सीसीआई की जांच में पाया गया कि दोनों खाद्य आपूर्ति मंच अनुचित व्यापारिक प्रथाओं में लिप्त हैं जिसमें कुछ भागीदार रेस्तरों को कथित रूप से तरजीह देना भी शामिल है.

सीसीआई ने अप्रैल 2022 में विस्तृत जांच का आदेश दिया था और जांच रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में नियामक को सौंप दी गई थी. मानदंडों के तहत सीसीआई महानिदेशक की रिपोर्ट संबंधित पक्षों के साथ साझा की गई है और बाद में, उन्हें नियामक द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा. सभी की राय और स्पष्टीकरण एकत्र करने के बाद नियामक अंतिम आदेश पारित करेगा. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) की शिकायत के बाद दोनों कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया था.

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