सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में उस दौरान हर कोई हैरान रह गया जब भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर और उनकी बेटी सारा तेंदुलकर अचानक सीहोर के भेरूंदा तहसील क्षेत्र में पहुंच गईं. मां-बेटी बेहद गोपनीय तरीके से आदिवासी गांव जामुनझील व सेवनिया में संचालित सेवा कुटीर में पहुंचीं. आपको बता दें कि इससे पहले खुद सचिन तेंदुलकर भी यहां आ चुके हैं.
बेहद गोपनीय रखा गया था पूरा कार्यक्रम
सारा और अंजलि मुंबई से हवाई जहाज के जरिए भोपाल पहुंची. फिर भोपाल से सड़क के रास्ते पहले वो देवास जिले के संदलपुर पहुंचीं. इसके बाद दोनों लोग सीहोर जिले में संचालित जामुनझील और सेवनिया की सेवा कुटीर में पहुंचीं. उनका कार्यक्रम इतना गोपनीय था कि पुलिस प्रशासन को भी इसकी सूचना नहीं दी गई थी. गौरतलब है कि सीहोर जिले की पांच कुटीरों को सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के द्वारा गोद लिया गया है और उन्हें मदद की जाती है. इसीलिए इससे पहले सचिन भी इन कुटीरों में पहुंचे थे. उनका कार्यक्रम भी इसी तरह गोपनीय रखा गया था.
इन कुटीरों में कराई जाती है बच्चों की पढ़ाई
सीहोर जिले में नयापुरा, खापा, बेलपाटी, जामुनझील और सेवनिया में सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन द्वारा कुटीर संचालित की जाती है. इन कुटीरों में यहां के बच्चों को सुबह-शाम पढ़ाई कराई जाती है. इस दौरान बच्चों को सुबह-शाम श्रीराम, श्रीकृष्ण के भजन सुनाने के साथ ही स्वामी विवेकानंदजी के जीवन से प्रेरित बातें भी बताई जाती हैं. बच्चे यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ ड्राईंग व अन्य गतिविधियां भी करते हैं. इन कुटीरों में 3 वर्ष से 15 वर्ष के बच्चों को पढ़ाया जाता है. सुबह-शाम इन्हें यहां पर निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है और सुबह 7 बजे से 10 बजे तक व शाम को 4 बजे से 6 बजे तक इन्हें पढ़ाया भी जाता है. इस बीच में जो बच्चे स्कूल जाना चाहते हैं वह स्कूल भी जाते हैं.
आदिवासी अंदाज में किया गया स्वागत