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ग्वालियर से महज चार घंटे में फर्राटा भर पहुचेंगे दिल्ली, एमपी-यूपी को जोड़ेगा नया हाई स्पीड कॉरिडोर - GWALIOR AGRA HIGH SPEED ​​CORRIDOR

केंद्र सरकार ने ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस पर काम भी शुरू हो गया है, इससे लोग महज 4 घंटे में ग्वालियर से दिल्ली पहुंच सकेंगे.

Gwalior Agra High Speed ​​Corridor
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर (Etv bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 24, 2025, 6:49 PM IST

Updated : Feb 24, 2025, 8:56 PM IST

ग्वालियर: मध्य प्रदेश अब रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है फिर चाहे हवाई कनेक्टिविटी हो या हाई स्पीड कॉरिडोर. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला एनएच- 44 पर बढ़ते ट्रैफिक और लंबी दूरी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने ग्वालियर से आगरा को जोड़ने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव पास कर दिया है. इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है. इस नए कॉरिडोर से ना सिर्फ ग्वालियर के रास्ते दिल्ली पहुंचने में कम वक्त लगेगा बल्कि दूरी भी 32 किलोमीटर कम हो जाएगी.

ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर की जानकारी पिछले साल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी थी. अब ग्वालियर से आगरा के बीच एक नया हाई स्पीड कॉरिडोर प्रस्तावित हो चुका है जो करीब 4 हज़ार 613 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होगा. हालांकि शुरुआत में इसकी लागत करीब 2497 करोड़ रुपये थी. बड़ी बात यह है कि इस नए कॉरिडोर के बनने से वाहन चालकों को ग्वालियर से सीधे नोएडा एक्सप्रेस-वे के लिए भी आगरा की रिंग रोड से कनेक्टिविटी मिलेगी.

ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर (Etv bharat)
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर (Etv bharat)

चार जिलों से गुजरेगा नया 6 लेन कॉरिडोर

हाई स्पीड कॉरिडोर के प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद से ही इस पर तेज़ी से काम किया जा रहा है. ये कॉरिडोर मध्य प्रदेश के ग्वालियर से शुरू होगा और मुरैना, राजस्थान के धौलपुर होते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा में रिंग रोड पर कनेक्ट होगा. नया हाई स्पीड कॉरिडोर 6 लेन हाईवे होगा जिसकी कुल लंबाई करीब 89 (88.4) किलोमीटर होगी.

तीन राज्यों के 66 गाँव में 550 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण

एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक ग्वालियर-आगरा हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम तेज़ी से पूरा किया जा रहा है. अब तक इस काम में कोई बाधा नहीं आई है. ये कॉरिडोर तीन राज्यों के चार जिलों के 66 गांवों से होकर गुजरेगा. जिसके लिए ग्वालियर का एक गांव सुसेरा, मुरैना के डोंगरपुर लोधा, कोटवाल समेत 32 गांव और राजस्थान के धौलपुर जिले के महदपुरा, पहाड़ी सहित कुल 18 गांव और उत्तर प्रदेश के आगरा के इरादत नगर देवरी समेत 15 गांव में करीब 550 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहण का कार्य होना है जो लगभग पूरा होने को है.

कम हो जाएगी 32 किलोमीटर दूरी

वर्तमान में आगरा-ग्वालियर के बीच सफर करने के लिए एनएच-44 एक मात्र विकल्प है. जिसकी वजह से ये ग्वालियर से आगरा या आगरा से ग्वालियर आने वालों को 121 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. यह नेशनल हाईवे काफ़ी व्यस्त और ट्रैफिक वाला रहता है जिसकी वजह से इस दूरी को तय करने में कम से कम तीन घंटे का समय लगता है. हर दिन इस हाईवे पर 50 हज़ार से अधिक वाहन गुजरते हैं, ऐसे में इस पर अक्सर जाम की समस्या भी होती है. नया कॉरिडोर बनने से ना सिर्फ एनएच -44 पर वाहन लोड कम होगा बल्कि नए हाई स्पीड कॉरिडोर के जरिए वाहन 89 किलोमीटर की दूरी महज एक से डेढ़ घंटे में तय कर लेंगे क्योंकि नया प्रस्तावित कॉरिडोर आबादी से दूर एकांत से गुज़रेगा.

जारी है बिड प्रक्रिया, जमीन अधिग्रहण लगभग पूरा

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक जल्द ही हाईस्पीड कॉरिडोर के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम पूरा होने वाला है. इसके साथ ही प्रोजेक्ट के लिए बिड की प्रक्रिया भी चल रही है. कंस्ट्रक्शन के लिए अगले माह टेंडर खुल सकते हैं, जिससे काम और तेजी से पूरा होगा. एनएचएआई के प्रबंधक प्रशांत मीणा के मुताबिक, अधिग्रहण के साथ ही सभी विभागों की एनओसी भी जल्द ही मिल जायेंगी. हम एक साथ प्रोजेक्ट से जुड़े कई काम पूरे कर रहे हैं जिससे किसी तरह समय की बर्बादी ना हो.

जमीनों की बढ़ेगी कीमत, निवेश की भी संभावनाएं

एक और बड़ा फायदा इस नए हाई स्पीड कॉरिडोर से होने वाला है. नया रास्ता बनने से उन सभी इलाकों की जमीन की कीमतों में वृद्धि होगी जहां से ये कॉरिडोर गुजरने वाला है. इसके साथ ही इसके जरिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पर्यटन को भी फायदा मिलेगा. बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटक भी पहुंचेंगे इनके अलावा शासन द्वारा कॉरिडोर के आसपास निवेश की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं. यहाँ जोन निर्धारित कर जगह जगह कॉलेज, इंडस्ट्रीज, लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउस जैस प्रोजेक्ट्स के जरिए इकोनॉमिक एरिया डेवलप करने की भी अत्यधिक संभावनाएं हैं.

ग्वालियर: मध्य प्रदेश अब रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है फिर चाहे हवाई कनेक्टिविटी हो या हाई स्पीड कॉरिडोर. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला एनएच- 44 पर बढ़ते ट्रैफिक और लंबी दूरी को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने ग्वालियर से आगरा को जोड़ने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव पास कर दिया है. इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है. इस नए कॉरिडोर से ना सिर्फ ग्वालियर के रास्ते दिल्ली पहुंचने में कम वक्त लगेगा बल्कि दूरी भी 32 किलोमीटर कम हो जाएगी.

ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर की जानकारी पिछले साल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी थी. अब ग्वालियर से आगरा के बीच एक नया हाई स्पीड कॉरिडोर प्रस्तावित हो चुका है जो करीब 4 हज़ार 613 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार होगा. हालांकि शुरुआत में इसकी लागत करीब 2497 करोड़ रुपये थी. बड़ी बात यह है कि इस नए कॉरिडोर के बनने से वाहन चालकों को ग्वालियर से सीधे नोएडा एक्सप्रेस-वे के लिए भी आगरा की रिंग रोड से कनेक्टिविटी मिलेगी.

ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर (Etv bharat)
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर
ग्वालियर आगरा हाईस्पीड कॉरिडोर (Etv bharat)

चार जिलों से गुजरेगा नया 6 लेन कॉरिडोर

हाई स्पीड कॉरिडोर के प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद से ही इस पर तेज़ी से काम किया जा रहा है. ये कॉरिडोर मध्य प्रदेश के ग्वालियर से शुरू होगा और मुरैना, राजस्थान के धौलपुर होते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा में रिंग रोड पर कनेक्ट होगा. नया हाई स्पीड कॉरिडोर 6 लेन हाईवे होगा जिसकी कुल लंबाई करीब 89 (88.4) किलोमीटर होगी.

तीन राज्यों के 66 गाँव में 550 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण

एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक ग्वालियर-आगरा हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम तेज़ी से पूरा किया जा रहा है. अब तक इस काम में कोई बाधा नहीं आई है. ये कॉरिडोर तीन राज्यों के चार जिलों के 66 गांवों से होकर गुजरेगा. जिसके लिए ग्वालियर का एक गांव सुसेरा, मुरैना के डोंगरपुर लोधा, कोटवाल समेत 32 गांव और राजस्थान के धौलपुर जिले के महदपुरा, पहाड़ी सहित कुल 18 गांव और उत्तर प्रदेश के आगरा के इरादत नगर देवरी समेत 15 गांव में करीब 550 हेक्टेयर ज़मीन अधिग्रहण का कार्य होना है जो लगभग पूरा होने को है.

कम हो जाएगी 32 किलोमीटर दूरी

वर्तमान में आगरा-ग्वालियर के बीच सफर करने के लिए एनएच-44 एक मात्र विकल्प है. जिसकी वजह से ये ग्वालियर से आगरा या आगरा से ग्वालियर आने वालों को 121 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. यह नेशनल हाईवे काफ़ी व्यस्त और ट्रैफिक वाला रहता है जिसकी वजह से इस दूरी को तय करने में कम से कम तीन घंटे का समय लगता है. हर दिन इस हाईवे पर 50 हज़ार से अधिक वाहन गुजरते हैं, ऐसे में इस पर अक्सर जाम की समस्या भी होती है. नया कॉरिडोर बनने से ना सिर्फ एनएच -44 पर वाहन लोड कम होगा बल्कि नए हाई स्पीड कॉरिडोर के जरिए वाहन 89 किलोमीटर की दूरी महज एक से डेढ़ घंटे में तय कर लेंगे क्योंकि नया प्रस्तावित कॉरिडोर आबादी से दूर एकांत से गुज़रेगा.

जारी है बिड प्रक्रिया, जमीन अधिग्रहण लगभग पूरा

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक जल्द ही हाईस्पीड कॉरिडोर के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम पूरा होने वाला है. इसके साथ ही प्रोजेक्ट के लिए बिड की प्रक्रिया भी चल रही है. कंस्ट्रक्शन के लिए अगले माह टेंडर खुल सकते हैं, जिससे काम और तेजी से पूरा होगा. एनएचएआई के प्रबंधक प्रशांत मीणा के मुताबिक, अधिग्रहण के साथ ही सभी विभागों की एनओसी भी जल्द ही मिल जायेंगी. हम एक साथ प्रोजेक्ट से जुड़े कई काम पूरे कर रहे हैं जिससे किसी तरह समय की बर्बादी ना हो.

जमीनों की बढ़ेगी कीमत, निवेश की भी संभावनाएं

एक और बड़ा फायदा इस नए हाई स्पीड कॉरिडोर से होने वाला है. नया रास्ता बनने से उन सभी इलाकों की जमीन की कीमतों में वृद्धि होगी जहां से ये कॉरिडोर गुजरने वाला है. इसके साथ ही इसके जरिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पर्यटन को भी फायदा मिलेगा. बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटक भी पहुंचेंगे इनके अलावा शासन द्वारा कॉरिडोर के आसपास निवेश की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं. यहाँ जोन निर्धारित कर जगह जगह कॉलेज, इंडस्ट्रीज, लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउस जैस प्रोजेक्ट्स के जरिए इकोनॉमिक एरिया डेवलप करने की भी अत्यधिक संभावनाएं हैं.

Last Updated : Feb 24, 2025, 8:56 PM IST
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