नई दिल्ली : केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान के 2जी मामले से जोड़ने पर भिड़ गए हैं. सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया को मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है. सिंधिया ने कहा कि देश ‘2जी घोटाले’ को नहीं भूल सकता, जो देश के इतिहास पर एक धब्बा है.
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह एक ऐसा घोटाला था, जिससे न केवल सरकारी खजाने को 1,76,645 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ, बल्कि सरकार-कॉरपोरेट गठजोड़ को उसका सबसे बुरा नाम भी मिला, जिसे साठगांठ वाला पूंजीवाद कहा जाता है.'' दूरसंचार मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में स्पेक्ट्रम आवंटन पहले आओ, पहले पाओ की पारदर्शिता-रहित नीति से किया गया, जिसके चलते घोटाले हुए और राजस्व का नुकसान हुआ.
सिंधिया ‘एक्स’ पर रमेश की पोस्ट का जवाब दे रहे थे, जिसमें मौजूदा सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी की प्रक्रिया को संप्रग शासन के दौरान प्रशासनिक स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया से जोड़ा गया था. रमेश ने कहा कि सरकार ने रिकॉर्ड पर कहा है कि प्रशासनिक रूप से आवंटित स्पेक्ट्रम भी शुल्क युक्त हैं और यह राजस्व में योगदान देता है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रधानमंत्री द्वारा कई वर्षों से जोर-शोर से की जा रही घोषणा के विपरीत है.