नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश में एचआईवी रोगियों के इलाज के लिए एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी दवाओं की गुणवत्ता के बारे में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से जवाब मांगा.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने की. शीर्ष अदालत एनजीओ नेटवर्क ऑफ पीपल लिविंग विद एचआईवी/एड्स और अन्य द्वारा 2022 में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में एंटीरेट्रोवाइरल (एआरवी) थेरेपी दवाओं की आपूर्ति और गुणवत्ता पर चिंता जताई गई है. एआरवी थेरेपी में एचआईवी से संक्रमित लोगों का इलाज एंटी-एचआईवी दवाओं का उपयोग करके किया जाता है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने पीठ के समक्ष दलील दी कि अब तक केवल चार राज्यों ने उनके द्वारा दायर हलफनामे पर अपना जवाब दिया है. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने दवाओं की खरीद की प्रक्रिया और गुणवत्ता सहित कुछ मुद्दों को उजागर किया है. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, "सभी राज्यों को अपना जवाब दाखिल करने दें...."