बिहार

bihar

ETV Bharat / bharat

65 फीसदी आरक्षण वाले कानून पर बिहार सरकार को SC से झटका, पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार - SC On Bihar Reservation

65 percent reservation in Bihar: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक नौकरियों में पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों (एससी/एसटी) के लिए आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले को रद्द कर दिया गया था.

SC On Bihar Reservation
65 फीसदी आरक्षण वाले कानून पर बिहार सरकार को SC से झटका (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 29, 2024, 12:35 PM IST

पटना/नई दिल्ली:बिहार में 65 फीसदी आरक्षण को लेकर एक तरफ जहां सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं इसकी लड़ाई पटना उच्च न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ी जा रही है. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं, ने सितंबर में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार द्वारा दायर अपील पर सुनवाई निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने सर्वोच्च न्यायालय से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया. हालांकि, पीठ ने फिलहाल इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और बिहार सरकार द्वारा दायर अपील की जांच करने पर सहमति जताई.

फैसले पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार:श्याम दीवान ने अंतरिम राहत दिए जाने पर जोर दिया और कहा कि इस मुद्दे पर एक बड़ी पीठ द्वारा भी विचार किए जाने की आवश्यकता हो सकती है. इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि इस स्तर पर अंतरिम राहत देने से इनकार किया जा रहा है. पीठ ने इस दलील पर सहमति जताई. पीठ ने कहा, "हम इस चरण में स्थगन के लिए इच्छुक नहीं हैं. हम मामले को सितंबर में अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे." सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले पर स्थगन के लिए आवेदन पर नोटिस जारी करने से भी इनकार कर दिया.

ETV Bharat GFX (ETV Bharat GFX)

बिहार में 65 फीसदी हुआ आरक्षण का दायरा:पटना उच्च न्यायालय ने 20 जून के अपने फैसले में घोषणा की थी कि पिछले साल नवंबर में राज्य के द्विसदनीय विधानमंडल द्वारा सर्वसम्मति से पारित संशोधन संविधान के "अधिकार से परे", "कानून में गलत" और "समानता खंड का उल्लंघन" हैं. वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने यह मानते हुए गंभीर गलती की है कि पिछड़े वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व केवल इसलिए है, क्योंकि पिछड़े समुदाय कुल सरकार का 68.52% हिस्सा हैं और कहा कि "आरक्षण बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है."

ETV Bharat GFX (ETV Bharat GFX)

क्या बोली बिहार सरकार?: राज्य सरकार की याचिका में कहा गया है, "बिहार राज्य एकमात्र राज्य है, जिसने यह अभ्यास किया और पूरी आबादी की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक स्थितियों पर अपनी जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित की. राज्य ने इस माननीय न्यायालय के बाध्यकारी निर्णयों का अनुपालन किया है और फिर आरक्षण अधिनियमों में संशोधन किया है."

ABOUT THE AUTHOR

...view details