नई दिल्ली: विवेक विहार इलाके में बेबी केयर सेंटर में लगी भीषण आग और उसमें 7 मासूमों की दर्दनाक मौत ने राजधानी दिल्ली को हिलाकर रख दिया है. इस हादसे में शासन और प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई है. इस हादसे के बाद अब कई स्तर पर अलग-अलग जांच जारी है. ऐसे में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बड़े चिकित्सा अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं. वर्तमान में यह अधिकारी स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के ओएसडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इन्होंने ही स्वास्थ्य विभाग में रहते 'बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल' को रजिस्ट्रेशन दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसकी डिटेल्स रिपोर्ट ETV भारत के पास है.
स्वास्थ्य महानिदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 मई 2024 को जिस 'बेबी केयर अस्पताल' में यह दर्दनाक हादसा हुआ है वो पहले दूसरे नाम से अवैध तरीके से संचालित हो रहा था. 'बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल' सी-54, फेज-1, विवेक विहार में है. जबकि, अवैध चलने वाला अस्पताल बी-22, विवेक विहार में चलता है. हादसे का शिकार नर्सिंग होम को 30 सितंबर, 2021 को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया गया था, जो 31 मार्च, 2024 तक वैध था. इसके बाद इस अस्पताल का रिन्युअल होना बाकी था. यानी इस नर्सिंग होम का वर्तमान में नियमों के मुताबिक संचालन अवैध था.
दो अदालतों में चल रहा नर्सिंग होम के खिलाफ मुकदमा:हैरान की बात है कि नर्सिंग होम मालिक की सब करतूतों के पता होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों की उस पर खूब मेहरबानी रही. दिल्ली की दो अदालतों में उसके नर्सिंग होम्स को लेकर अलग-अलग मामले भी दर्ज हुए. कड़कड़डूमा कोर्ट और तीस हजारी कोर्ट में उसके खिलाफ खुद स्वास्थ्य महानिदेशालय ने मामले दर्ज करवाए. इन सबको दरकिनार करते हुए स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों का उनको संरक्षण मिलता रहा. तमाम खामियों को नजरंदाज कर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया गया था.
अवैध तरीके से चल रहे नर्सिग होम पर की गई थी छापेमारी:रिपोर्ट के अनुसार, हादसे वाले साइट पर संचालित अस्पताल 2021 में रजिस्टर्ड होने से पहले दूसरी जगह पर अवैध तरीके से विवेक विहार एरिया में ही चलाया जा रहा था. बी-22, राम मंदिर के विपरित, विवेक विहार, दिल्ली में इसका संचालन अवैध तरीके हो रहा था. इसके खिलाफ दिल्ली स्वास्थ्य महानिदेशालय की नर्सिंग होम सेल की ओर से छापेमारी भी की थी.
डॉ. नवीन खिची 'केयर न्यू बॉर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' के नाम से इसको संचालन कर रहे थे. दिल्ली नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1953 के धारा 3, 6 और 14 के अंतर्गत कड़कड़डूमा कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया. कोर्ट में मामला 2019 में दायर किया गया था. 'केयर न्यू बॉर्न एंड चाइल्ड हॉस्पिटल' के नाम से जनवरी, 2018 में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 28 जनवरी, 2019 को लाइसेंस देने से इनकार कर दिया.
नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन से जुड़ा पूरा मामला मेडिकल सुपरिंटेंडेंट नर्सिंग होम्स डॉ. आरएन दास के पास ही रहा, जो वर्तमान में सौरभ भारद्वाज के ओएसडी भी हैं. इस बीच बेबी केयर अस्पताल, सी-54, विवेक विहार, फेज-1, नई दिल्ली-95 के रजिस्ट्रेशन के लिए डॉ. नवीन खिची की ओर से 29 जनवरी, 2021 को एक और एप्लीकेशन दी. इसके बाद रिपोर्ट में दिल्ली नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1953 के सेक्शन 7 के तहत रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन का हवाला भी दिया गया.