छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री हिन्दू एकता पदयात्रा निकाल रहे हैं. पदयात्रा में शामिल होने बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त भी खजुराहो पहुंचे. यात्रा जब एमपी यूपी की सीमा से लगे देवरी गांव पहुंची तो भक्तों ने बुलडोजर पर खड़े होकर पुष्प वर्षा कर यात्रा का जोरदार स्वागत किया. इस दौरान संजय दत्त को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. संजू बाबा सनातन एकता का ध्वज हाथ में लेकर चल रहे थे.
यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री संग चले संजय दत्त
जानकारी के मुताबिक, एक्टर संजय दत्त स्पेशल चार्टर्ड प्लेन से खजुराहो पहुंचे. उसके बाद बागेश्वर बाबा की यात्रा में शामिल होने के लिए कार से निकल पड़े. देवरी गांव में जहां यात्रा पहुंची, वहां संजय दत्त पहुंचे और धीरेंद्र शास्त्री के साथ यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान उनके हाथ में केसरिया ध्वज भी था. संजय दत्त ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ''बाबा बागेश्वर की यात्रा में शामिल होने आया हूं.'' बता दें कि इससे पहले भी संजय दत्त बाबा बागेश्वर से मुलाकात कर चुके हैं.
हिन्दू एकता पदयात्रा में पहुंचे संजय दत्त (ETV Bharat) 'असुरक्षित महसूस करता हूं, तो संजू को लगाता हूं फोन'
यात्रा के दौरान बागेश्वर बाबा के साथ अभिनेता संजय दत्तभी जमीन पर बैठे नजर आए. जब उनसे सवाल किया गया तो संजय दत्त ने कहा कि यह बहुत बड़ा काम है, जो इन्होंने शुरू किया है. उन्होंने कहा यह मेरे लिए भाई हैं. मैंने इनके लिए कहीं भी खड़ा होऊंगा. वहीं जमीन पर बैठने को लेकर अभिनेता ने कहा कि जब मैं जेल काट चुका हूं तो जमीन क्या चीज है.' इसके बाद धीरेंद्र शास्त्रीने कहा कि मैं खुद को सुरक्षित महसूस करता हूं. जब मुझे असुरक्षित महसूस होता है तो मैं भैया यानि संजय दत्त को याद कर लेता हूं.'
सजंय दत्त और बागेश्वर बाबा का बयान (ETV Bharat) जातपात, छुआछूत के खात्मे को लेकर निकल रही यात्रा
बता दें कि, जातपात, छुआछूत खत्म करने और सनातन एकता को लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छतरपुर के बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक पदयात्रा कर रहे हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यात्रा 21 नवंबर से शुरु हुई है और 29 नवंबर तक चलेगी. इस दौरान वे 160 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करेंगे. यात्रा को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. 600 से ज्यादा पुलिस जवान पूरी यात्रा के लिए लगाए गए हैं. यात्रा में सैंकड़ों लोग शामिल हो रहे हैं. जहां से भी यात्रा निकलती है, स्वागत के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है.