कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को अशांत संदेशखालि क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि वह वहां के घटनाक्रम को देखकर स्तब्ध हैं और उनकी अंतरात्मा हिल गई.
इलाके में महिलाएं पिछले कुछ दिन से प्रदर्शन कर रही हैं और उनका आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया. राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली सताई हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह मदद की जाएगी.
बोस ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने जो देखा वो भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था. मैंने वो कुछ देखा जो कभी नहीं देखना चाहिए था. मैंने कई चीजें सुनी थीं जो कभी नहीं सुननी चाहिए थीं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर यह सब हुआ,'
उन्होंने स्थानीय महिलाओं से कहा, 'चिंता मत कीजिए. आपको न्याय जरूर मिलेगा.' इनमें से कई महिलाएं अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढंककर उप राज्यपाल से मिलने आई थीं. महिलाओं को कहते सुना गया, 'हम अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहते हैं. हम और यह प्रताड़ना नहीं झेल सकते.' राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों के तहत, कानून के अनुसार इससे लड़ेंगे. बोस ने संदेशखालि के हालात पर राज्य सरकार से व्यापक रिपोर्ट मांगी है.
ममता बोलीं- हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है: वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को संदेशखालि हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है.
बनर्जी का बयान तब आया है, जब राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपनी केरल यात्रा बीच में छोड़ते हुए सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले में स्थित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने हावड़ा जिले में दुमुरजला स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा, 'कोई भी संदेशखालि जा सकता है. हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. हमने राज्य महिला आयोग के दल को पहले ही वहां भेज दिया है. उन्होंने लौटकर रिपोर्ट जमा की. हिंसा भड़काने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है. हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है और जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं.'