मास्को:रूस ने रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में भारतीयों की भर्ती समाप्त करने तथा सेना में अभी भी कार्यरत लोगों की वापसी सुनिश्चित करने के भारत के आह्वान पर व्यापक रूप से ध्यान दिया है, मंगलवार को शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था. रूस की ओर से रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में काम करने वाले सभी भारतीयों को सेवामुक्त करने के निर्णय की घोषणा मंगलवार को मोदी तथा पुतिन के बीच शिखर वार्ता के पश्चात किए जाने की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि रूस ने इस मुद्दे पर हमारे अनुरोध पर व्यापक रूप से सहमति जताई है. पिछले महीने विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीय नागरिक मारे गए, जिससे इस तरह की मौतों की संख्या चार हो गई.
दो भारतीयों की मौत के पश्चात, नई दिल्ली ने रूसी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की आगे की भर्ती पर 'सत्यापित रोक' लगाने की मांग की. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों का मुद्दा 'बेहद चिंताजनक' है और इस पर मास्को से कार्रवाई की मांग की.
इस साल मार्च में, 30 वर्षीय हैदराबाद निवासी मोहम्मद असफान यूक्रेन के साथ अग्रिम मोर्चे पर रूसी सैनिकों के साथ सेवा करते समय लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया. फरवरी में, गुजरात के सूरत के निवासी 23 वर्षीय हेमल अश्विनभाई मंगुआ, डोनेट्स्क क्षेत्र में 'सुरक्षा सहायक' के रूप में सेवा करते समय यूक्रेनी हवाई हमले में मारे गए.