नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने त्योहारी सीजन के दौरान यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए कई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है. इस प्रयास के बावजूद स्टेशनों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं और कई यात्री अभी भी कंफर्म टिकट नहीं ले पा रहे हैं. यात्री अन्य चिंताएं भी व्यक्त कर रहे हैं. खास तौर पर अनकंफर्म टिकट और कंफर्म टिकट के अंतिम समय में रद्द होने को लेकर.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर IRCTC के अकाउंड हैंडल पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है. हाल ही में एक घटना में दिल्ली से प्रयागराज के लिए वेटिंग टिकट बुक करने वाले एक यात्री को पता चला कि चार्ट तैयार होने के बाद भी टिकट कंफर्म नहीं हुआ. रिफंड के समय, उसे पता चला कि पूरी राशि मिलने के बजाय 100 रुपये की कटौती की गई है.
उन्होंने मामले को एक्स प्लेटफॉर्म पर उठाया और रेल मंत्रालय को अपनी चिंता लिखी. उन्होंने लिखा, "मैंने दिल्ली से प्रयागराज के लिए वेटलिस्टेड टिकट बुक किया था, लेकिन चार्ट बनने के बाद भी यह कन्फर्म नहीं हुआ. क्या आप बता सकते हैं कि पूरी राशि मिलने के बजाय रिफंड से 100 रुपये क्यों काटे गए.
जवाब में IRCTC ने लिखा 'भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार वेटलिस्टेड/आरएसी टिकट के मामले में प्रति यात्री 60 रुपये क्लर्केज शुल्क और जीएसटी लगाया जाता है.' यात्री ने शुरू में ट्विटर पर टिकट का एक वर्जन शेयर किया था, जिससे पता चला कि इसे थर्ड पार्टी के ऐप के माध्यम से बुक किया गया था - जिसके परिणामस्वरूप स्टैंडर्ड क्लर्क शुल्क के अलावा अतिरिक्त कटौती हुई है.
रिफंड पॉलिसी और डिडक्शन डिटेल
अनकंफर्म टिकटों पर उनके रिफंड में कटौती से कई यात्री भी हैरान हैं. IRCTC के प्लेटफॉर्म पर सीधे बुक किए गए टिकटों के बजाय, थर्ड-पार्टी ऐप के जरिए बुक किए गए टिकटों के रिफंड में अतिरिक्त शुल्क शामिल हो सकते हैं. हालांकि, भारतीय रेलवे के रिफंड नियमों के तहत, RAC और वेटलिस्टेड टिकट रद्द करने पर क्लर्केज शुल्क और GST लागू होते हैं.