चंडीगढ़ःनगर निगम चंडीगढ़ की आम सभा की बैठक के दौरान मंगलवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर के विषय पर कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच हाथापाई हो गई. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर नेहरू के समय में डॉ. भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने का आरोप लगाया.
अनिल मसीह पर भी हुआ हंगामःनॉमिनेटेड पार्षद अनिल मसीह के मुद्दे पर भी आम सभा की बैठक के दौरान जमकर हंगाम हुआ. कांग्रेस और आप पार्षदों ने अनिल मसीह को वोट चोर कहना शुरू कर दिया. इसपर हंगामा और बढ़ गया. मामला इतना बढ़ गया कि पार्षदों के बीच हाथापाईं प्रारंभ हो गया. इस पर अनिल मसीह भी वेल में पहुंच गये और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी भी जमानत पर हैं.
आपको बता दें कि जनवरी में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान अनिल मसीह निर्वाचन पदाधिकारी थे. उन पर वोटों का हेरफेर करने का आरोप लगा था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर से हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार मेयर चुने गये.
सदन में जो कुछ हुआ बहुत ही गलत है. सदन में जो भी पार्षद चुनकर आये हैं, उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. जिस व्यक्ति ने मेयर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है, वह व्यक्ति मिट्टी चोरी का आरोप लगा रहा है. हमने या किसी पदाधिकारी ने मिट्टी चोरी थोड़े किया है. बच्चों के खेलने का मैदान बनाया गया है, उसके लिए मिट्टी मंगई गई थी. उस पर भी उन्होंने हाथापाई स्टार्ट कर दी. कहीं न कहीं ये बीजेपी की नाकामी है. जब इन से सच बर्दास्त नहीं होता है तो ये लड़ने के लिए चले आते हैं.-कुलदीप कुमार, मेयर
निगम में पैसा नहीं होने का आरोप गलतः मेयर कुलदीप कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2015 तक 500 करोड़ की एफडी थी. 2016 से 2023 तक इनक मेयर रहता है. उस बीच वो एफडी भी समाप्त हो जाता है और 200 करोड़ का घाटा भी आता है. एका-एक 200 करोड़ का घाटा नहीं हो सकता है. कहीं न कहीं इन लोगों ने गलत भर्तियां या कुछ और किया है. हम लोग मेयर नहीं बन पाते तो ये मामल भी पता नहीं चलता. ये लोग नीपापोती में लगे हैं. क्योंकि सेंटर तक इनकी सरकार है. ये तो इनकी बदकिस्मती है कि इस बार कांग्रेस और आप गठबंधन का मेयर है. इस कारण उनकी सब पोल खुल गई. पैसा नहीं होने का मामला कहना गलत होगा. हमें ग्रांट मिल रहे हैं. हम लगातार अपने रेवन्यू बढ़ाने का काम कर रहे हैं. अब उनमें खई मुद्दों पर चर्चा होनी थी. आज की बैठक में ज्यादातर मामले नगर निगम के बढ़ाने से संबंधित थे-