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आर जी कर रेप-मर्डर केस: संजय रॉय को मौत की सजा दी जाए या नहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट में 27 जनवरी को होगी सुनवाई - RG KAR RAPE MURDER CASE

पश्चिम बंगाल में आरजी कर रेप-मर्डर केस में संजय रॉय को मौत की सजा की मांग संबंधी याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.

Calcutta High Court
कलकत्ता हाईकोर्ट. (फाइल फोटो) (IANS.)

By IANS

Published : Jan 24, 2025, 1:32 PM IST

कोलकाता: आर.जी. कर बलात्कार और हत्या मामले के दोषी संजय रॉय को मौत की सजा दिया जाना चाहिए या नहीं इस पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी. कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ 27 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करेगी. सियालदह सत्र न्यायालय ने 20 जनवरी को संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. इसी आदेश को सीबीआई ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

राज्य सरकार ने भी दायर की है याचिकाः एजेंसी ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया. कलकत्ता उच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई के लिए निर्धारित मामलों की सूची के अनुसार, मामला खंडपीठ में सुनवाई के लिए आएगा. रॉय के लिए मौत की सजा की इसी तरह की याचिका के साथ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा समानांतर अपील भी उसी दिन उसी खंडपीठ में सुनवाई के लिए निर्धारित है.

राज्य सरकार की याचिका को चुनौतीः सीबीआई ने पहले ही राज्य सरकार की याचिका को चुनौती दी थी और उन आधारों पर सवाल उठाया था जिनके आधार पर राज्य सरकार ऐसी अपील कर सकती है. केंद्रीय एजेंसी के वकील के अनुसार, मामले में जांच एजेंसी होने के नाते सीबीआई और पीड़िता के माता-पिता केवल उच्च न्यायालय में ही ऐसी याचिका दायर कर सकते हैं, न कि राज्य सरकार जो मामले में पक्षकार नहीं है.

क्या है मामलाः बता दें कि आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त 2024 को मिला था. जिसके बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. जांच में पीड़िता के साथ बलात्कार और हत्या की बात सामने आई थी. कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से मिले सबूत के आधार पर संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया. संजय रॉय को सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था. 18 जनवरी को कोर्ट ने उसे दोषी पाया था. 20 जनवरी को कोर्ट ने मरते दम तक मौत की सजा सुनायी थी.

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